प्रदेश के तमाम सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षक 31 मार्च 2019 के बाद शिक्षण कार्य नहीं कर सकेंगे। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रलय ने सभी राज्यों के शिक्षा विभाग को सर्कुलर जारी कर दिया है। जिस पर विभाग ने भी सभी स्कूलों से अप्रशिक्षित शिक्षकों की सूची मांगी है। साथ ही विभाग ने ऐसे शिक्षकों को अवसर प्रदान करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षण के लिए 31 मार्च 2019 तक डीएलडी कोर्स करने की भी हिदायत दी है।
प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षण के लिए पहले ही डीएलएड कोर्स को अनिवार्य किया जा चुका है। बावजूद इसके अब भी राज्य बोर्ड, सीबीएसई और सीआइएससीई बोर्ड से जुड़े सरकारी, गैर सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में काफी तादात में ऐसे शिक्षक हैं, जो अप्रशिक्षित हैं।
दरअसल शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक में शिक्षण के लिए ऐसे शिक्षक, जिन्होंने प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षण कार्य के लिए डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) कोर्स नहीं किया है, नियमानुसार अप्रशिक्षित हैं। एमएचआरडी ने ऐसे शिक्षकों को एक और अवसर प्रदान करते हुए डीएलडी कोर्स करने का मौका दिया है। ऐसे शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक कोर्स पूरा करना होगा। ऐसा न करने पर संबंधित शिक्षक स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
मंत्रालय ने ऐसे शिक्षकों को एनआइओएस के ओपन व डिस्टेंस लर्निग प्रोग्राम के माध्यम से यह कोर्स करने की छूट दी है। शिक्षकों को एनआइओएस के कोर्स में 15 सितंबर 2017 तक आवेदन करना होगा। ऐसा न करने पर अप्रशिक्षित शिक्षकों को लेकर कोई विचार नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए ऐसे शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराए जाने की बात कही। स्कूलों को यह सूची संबंधित प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी के पास सॉफ्ट व हार्ड कॉपी के रूप में 18 अगस्त तक अनिवार्य रूप से जमा करानी होगी। संबंधित शिक्षा अधिकारी इस सूची को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को भेजेंगे।
निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आरके कुंवर ने बताया कि अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक वांछित प्रशिक्षण योग्यता प्राप्त करने की अनुमति प्रदान की गई है। ऐसा न करने पर वे अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे।