कब का है मामला
23 अक्टूबर, 2014 को दिल्ली निवासी फाइन आर्ट टीचर मोमिता दास अपने चित्रकार मित्र अभिजीत पॉल के साथ चकराता घूमने आई थी। अभिजीत मूल से पश्चिम बंगाल का निवासी था, जो कुछ सालों से दिल्ली में कल्याण निवास लाडोसराय इलाके में रह रहा था। मोमिता और अभिजीत ने घूमने के लिए उस दिन चकराता बस स्टैंड से राजूदास का बोलेरो वाहन बुक कराया।
राजू ने अपने तीन साथियों का गाड़ी में बैठाया
राजू उन्हें लाखामंडल क्षेत्र में घुमाने ले गया, रास्ते में उसने अपने तीन साथियों को गाड़ी में बैठा लिया। बाद में राजू और उसके साथियों ने अभिजीत की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी, बाद में दुष्कर्म के बाद मोमिता का भी कत्ल कर दिया।
लूट के लिए की हत्या, अलग-अलग जगह फेंका शव
आरोपितों ने उनके पर्स, मोबाइल व अन्य कीमती सामान भी लूट लिया था। दोनों के शव उन्होंने अलग-अलग जगह फेंक दिए थे। अभिजीत का शव 31 अक्टूबर और मोमिता का सड़ा गला शव 13 नवंबर 2014 को उत्तरकाशी के पुरोला में खाई से बरामद हुआ।
देहरादून और उत्तरकाशी जिले की पुलिस के साथ ही दिल्ली के साकेत थाने की पुलिस इस दोहरे हत्याकांड की कडिय़ां जोडऩे में जुटी थीं। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस हत्या के आरोपितों तक पहुंची। मोमिता लूटा गया मोबाइल मुख्य आरोपित बोलेरो चालक राजू की आइडी पर चलता मिला, वह नया सिम डालकर इसे उपयोग में ला रहा था।
उसकी निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में शामिल टुंगरौली चकराता निवासी कुंदन दास, बबलू और गुडडूदास को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को एडीजे ने मुख्य अभियुक्त राजू दास को फांसी व 3 को आजीवन कारावास की सजा व सुनाई है।