नई दिल्ली : देसी कोरोना वैक्सीन को-वैक्सीन के आखिरी दौर का ट्रायल अगले महीने शुरू होने की सभावना है। भारत बायोटेक को ड्रग रेगुलेटर से फेज-थ्री ट्रायल की अनुमति मिल गई है। DCGI की एक्सपर्ट कमिटी की बैठा में वैक्सीन के आखिरी ट्रायल का अप्रूवल दिया गया। DCGI ने प्रोटोकॉल में संशोधन किया है। भारत में वैक्सीन के ट्रायल में 25 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने की संभावना है। उन्हें 28 दिन के अंतराल पर वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। शुरुआती ट्रायल में वैक्सीन के नतीजों ने उम्मीद जगाई है। को-वैक्सीन पहली स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन है। इसे ICMR के साथ मिलकर बनाया गया है। कोरोना वैक्सीन फरवरी 2021 में आ सकती है।
भारत बायोटेक का प्लान है कि Covaxin का आखिरी ट्रायल दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब और असम में किया जाए। कंपनी फरवरी तक फाइनल ट्रायल के रिजल्ट्स आने की उम्मीद कर रही है। उसके बाद अप्रूवल और मार्केटिंग की परमिशन के लिए अप्लाई किया जाएगा।भारत बायोटेक ने अपनी कोविड वैक्सीन में Alhydroxiquim-II नाम का अजुवंट जोड़ा है। यह वैक्सीन के इम्युन रेस्पांस को बेहतर करेगा और उससे लंबे वक्त तक कोरोना से सुरक्षा मिलेगी।
अजुवंट एक ऐसा एजेंट होता है जिसे मिलाने पर वैक्सीन की क्षमता बढ़ जाती है। इससे टीका लगने के बाद शरीर में ज्यादा ऐंटीबॉडीज बनती हैं और लंबे वक्त तक इम्युनिटी मिलती है। Covaxin के अलावा भारत में दो और कोरोना टीकों का ट्रायल हो रहा है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की वैक्सीन में पार्टनरशिप की है। कंपनी देश में उनके टीके ‘कोविशील्ड’ का ट्रायल कर रही है। इसके अलावा, जायडस कैडिला ने ZyCov-D नाम से वैक्सीन बनाई है। कई अन्य कंपनियां भी रिसर्च कर रही हैं। कुछ ने विदेशी कंपनियों से वैक्सीन को लेकर डील भी की है। हालंकि इनको लेकर अभी तक स्थिति साफ़ नहीं है।