हल्द्वानी : सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय लापरवाही के लिए अक्स चर्चाओं में रहता है। कभी कोरोना मरीज फरार तो कभी कोरोना मरीज का शव बाथरुम से बरामद होने की खबर को लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल चर्चाओं में रहा । वहीं फिर से एक बार हल्द्वानी स्थित कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल चर्चाओं में आ गया है। जी हां इस अस्पताल से फिर से 25 साल का कोरोना मरीज युवक फरार हो गया है। मामला बीते दिन देर रात का है। मंगलवार को सितारगंज निवासी एक युवक के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां से देर रात वो फरार हो गया। इससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई तो कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने फरार युवक को पकड़ा। इस मामले के बाद एक बार फिर से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही दिखी। ये अस्पताल की घोर लापरवाही है। कोरोना संक्रमण छूने से लोगों को फैल रहा है ऐसे में अस्पताल प्रबंधन कोरोना मरीजों को लेकर लापरवाह बना हुआ है।
जानकारी मिली है कि जब अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी मिली तो पीपीई किट पहनकर प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी, कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. परमजीत सिंह समेत टीम ने कोरोना मरीज को ढूंढा। बताया कि हर वार्ड के बाथरूम तक में मरीज को खोजा गया लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। फिर पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने मरीज के ट्रेसिंग शुरु की तो जानकारी मिली कि मरीज अपने घर सितारगंज पहुंच गया। जैसे ही इसकी जानकारी मिली हल्द्वानी पुलिस और सुशीला तिवारी अस्पताल से एक टीम सितारगंज पहुंची और मरीज को वहां से पकड़कर फिर से अस्पताल में भर्ती किया।
कुछ भी कह सुशीला तिवारी अस्पताल की एक के बाद एक कई लापरवाहियां सामने आ रही हैं। पहले भी एक मरीज अस्पताल से फरार हो गया था और उसका शव अस्पताल के बाथरुम से बरामद हुआ था। इशके बाद एक महिला अस्पताल से फरार हो गई थी जो की घर में मिली।। ऐसे ही कई मामले हैं जब कोरोना मरीज वहां से फरार हुए। या तो मरीजों की देखभाल खान पान सही नहीं है या तो अस्पताल वाले खुद गहरी नींद में हैं।