कोरोना के कई रूप सामने आ चुके हैं। कोरोना के बाद लोगों के इलाज के दौनान कई तरह की नई-नई बीमारियां भी सामने आई। कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिन मामलों ने सबका हैरान कर दिया। ऐसे ही एक मामला आगरा में भी सामने आया है। कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर में ऐसे पांच मामले मिले, जो तीन बार कोरोना से संक्रमित हुए। इनमें से तीन लोग ऐसे हैं, जिनमें एंटीबॉडीज ही नहीं बनीं हैं, दो लोगों ने अभी नमूने नहीं दिए हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज की स्टडी में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
एसएन कॉलेज के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभागाध्यक्ष डॉ. नीतू चौहान ने बताया कि इन पांचों मामलों में चार की उम्र 25 से 35 साल है और शारीरिक रूप से स्वस्थ भी हैं। इनमें से दो को वैक्सीन का पहला डोज भी लग चुका है। इनमें से तीन की हालत सामान्य ही रही। एक को ऑक्सीजन की दरकार पड़ी तो एक को तेज बुखार-खांसी के साथ शरीर में भारी कमजोरी मिली।
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि वायरस का लोड शरीर में कम पहुंचने से पर्याप्त एंटीबॉडीज नहीं बन पातीं, इससे यह दो-तीन बार संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन राहत की बात है कि मरीज की हालत ज्यादा गंभीर नहीं होती है। एसएन के रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग के डॉ. कपिल कुमार ने बताया कि बीते साल दो सितंबर को पॉजिटिव हुआ। दूसरी बार तीन अक्तूबर को फिर पॉजिटिव हो गया। पहले दो बार बुखार, खांसी, गले में खराश रही, तीसरी बार ड्यूटी ज्वाइन की और 27 अक्तूबर को फिर संक्रमित हो गया। तीसरी बार में पहले के मुकाबले हालत खराब थी, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई।
माईथान निवासी और एसएन में टेक्नीशियन धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि 2020 में अप्रैल में 23 दिन के अंतराल में दो बार संक्रमित हुआ। उस वक्त जुकाम-खांसी, बुखार रहा। तीसरी बार इसी साल 16 मार्च को संक्रमित हुआ, इस बार हालत गंभीर हो गई और ऑक्सीजन पर रहना पड़ा। तीसरी बार संक्रमित होने तक वैक्सीन का एक डोज भी लग चुका था।