देहरादून : उत्तराखंड कांग्रेस में इन दिनों जमकर घमासान देखने को मिल रहा है, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता असहज की स्थिति में हैं। घमासान हरीश रावत गुट और प्रीतम सिंह गुट में देखने को मिल रहा है। उत्तरखंड कांग्रेस में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस गंभीर नजर नहीं आ रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारिफ
यही वजह है कि कांग्रेस के कुछ नेता जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारिफ कर रहे है, तो कुछ 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को वाॅकओवर देने का फार्मूला सुझा रहे हैं, जिससे कांग्रेस के कार्यकर्ता को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर 2022 विधानसभा चुनाव में वह जनता के बीच जाएं तो जाएं किस मुद्दे को लेकर जाएं। क्योंकि एक तरफ जहां कांग्रेस के बड़े नेता मुख्यमंत्री की तारिफ कर रहे हैं, तो दूसरी तरह किसी से छिपा नहीं है कि कांग्रेस पिछले तीन सालों से मित्र विपक्ष की भूमिका निभा रही है।
नेता प्रतिपक्ष की भूमिका
नेता प्रतिपक्ष की भूमिका तो कांग्रेस में लगती है कि वह मात्र सदन के भीतर के लिए है। सड़कों पर हों या मीडिया में आक्रमक सवालों के जरिए सरकार को घेरना जैसी बातें अब तक नजर ही नहीं आयी हैं। कांग्रेस सरकार के समय बीजेपी ने किस तरह विपक्ष की भूमिका निभाई ये सबको पता है। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए अजय भट्ट सदन के भीतर हों या फिर मीडिया के माध्यम से सरकार के खिलाफ हल्ला बोले रहते थे। अब जब कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में है तो कांग्रेस सरकार पर हमला भी उस अंदाज में नहीं कर पाती है, जो आंदाज विपक्ष का होना चाहिए। मुख्यमंत्री के समक्ष कांग्रेस के बड़े नेता मित्र की भूमिका में ही नजर आते है। यही वहज है कि कांग्रेस के भीतर अब लड़ाई इस बात की ज्यादा हो रहीे है कि मुख्यमंत्री से किस नेता की ज्यादा मित्रता है।
हरीश रावत पर भी कटाक्ष
कुछ दिनों पहले बातया जा रहा है कि हरीश रावत गुट के लोगों ने शोसल मीडिया के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर आरोप लगाया है कि वह मित्र विपक्ष की भूमिका में हैं और अब प्रीतम गुट के लोगों ने हरीश रावत का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारिफ करते हुए एक विडियो पोस्ट किया है, जिसमें हरीश रावत को भाजपा का मित्र नेता दिखाया गया है। विडियो में हरीश रावत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्णय क्षमता लेेने की ताफिर कर रहे हैं। यह पोस्ट कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव गिरीश चंद्र ने पोस्ट की है । इसमें हरीश रावत के उस बयान पर भी कटाक्ष किया है, जिसमें उन्होंने सल्ट में भाजपा को वाॅकओवर देने की बात कही थी। गिरीश चंद्र का कहना है कि भाजपा के मित्र नेता यानी हरीश रावत वाॅकओवर देना ही चाहते हैं, तो 2022 में सभी विधानसभा सीटों पर दे दें।
हरीश रावत गुट और प्रीतम सिंह गुट की लड़ाई
कांग्रेस में इन दिनों हरीश रावत गुट और प्रीतम सिंह गुट की आपस में भंयकर अंदरूनी लड़ाई चल रही है। लड़ाई से ऐसा मालूम होता है जैसे कांग्रेस 2022 में सरकार बनाने जा रही हो और अब बस कांग्रेस हाईकमान को मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रीतम सिंह में से किसी एक को चुनना है। पहले 2022 में सरकार तो कांग्रेस बना ले मुख्यमंत्री के दोवेदार की लड़ाई तो बाद में भी हो सकती है। अगर हालत यही रहे तो फिर सरकार कांग्रेस की कब बनेगी ये कहना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि कांग्रेस के कुछ नेता जहां अपने शीर्ष नेताओं को ऑफ कैमरा जमकर कोसते हैं, तो कुछ नेता अब खुलकर भी बोलने लगे हैं।
हरीश रावत को भाजपा ज्वाइन करने की सलाह
अब हरीश रावत के द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारिफ करने पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह तो हरीश रावत को भाजपा ज्वाइन करने तक की सलाह दे रहे हैं। राजेद्र शाह का कहना है कि कांग्रेस के जिन नेताओं को त्रिवेंद्र सिंह रावत की झूठी तारिफ करनी पड़ रहीे है, वह भाजपा में चले जाएं। क्योंकि मुख्यमंत्री की जूठी ताफिर करने से कांग्रेस कार्यकर्ता कमजोर होता है। वहीं, भाजपा का कहना है कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है और भाजपा 2022 के चुनाव के लिए तैयार है। दोबारा सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है। कुल मिलाकर देखें तो कांग्रेस के भीतर अंदरूनी घमासान देखने को मिल रहा है। उससे 2022 को देखते हुए पार्टी की तैयारियां धराशाई नजर आ रही है। ऐसे में देखना यह होगा कि आखिर कब तक कांग्रेस आपसी झगड़े से बाहर आती है और 2022 की तैयारियों में जुटी नजर आएगी।