नई दिल्ली : चीन के साथ तनातनी के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है. चीन युद्ध के मैदान में तो तैयारी कर ही रहा है, जासूसी के जरिये भी भारत पर काली नजर लगाए हुए है. ऐसी काली नजर जिसका बड़ा नुकसान हो सकता है. पूर्व जद्दाख में तो भारत-चीन के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। शी जिनपिंग की चीनी सरकार भारत में डिजिटल घुसैपठ करा रही है. भारत ने उसकी ये बड़ी साजिश बेनकाब कर दी है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसके मुताबिक, चीन भारत के बड़े राजनीति और सामिरक क्षेत्र में बड़े पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करा रहा है. इस जासूसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पांच प्रधानमंत्रियों, पूर्व और वर्तमान के 40 मुख्यमंत्रियों, 350 सांसद, कानून निर्माता, विधायक, मेयर, सरपंच और सेना से जुड़े समेत करीब 1350 लोगों के नाम शामिल हैं.
चीन की कंपनी शेनझेन इंफोटेक और झेन्हुआ इंफोटेक ये जासूसी कर रही है. शेनझेन इंफोटेक कंपनी ये जासूसी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार के लिए कर रही है. इस कंपनी का काम दूसरे देशों पर नजर रखना है. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, सीडीएस बिपिन रावत, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, एचडी देवगौड़ा समेत चार पूर्व प्रधानमंत्री, 24 मुख्यमंत्री, 350 सांसद, 16 पूर्व मुख्यमंत्री, 70 मेयर, डिप्टी मेयर, अलग-अलग पार्टियों के करीब 700 नेताओं के अलावा 460 वो लोग भी हैं जो इन नेताओं के करीबी रिश्तेदार हैं. 100 से ज्यादा नेताओं की फैमिली ट्री बनायी गयी है, जिन पर निगाह रखी जा रही है. करीब एक दर्जन मौजूदा और पूर्व राज्यपालों की भी डिटेल्स रखी गयी हैं. वहीं चीन की निगरानी सूची में कई पोर्टियों के 200 छोटे बड़े नेता भी शामिल हैं.