लद्दाख : लद्दाख से भारत और चीन सीमा विवाद के बीच बड़ी खबर आ रही है. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन ने 1.5 से 2 किमी तक अपने टैंट पीछे कर लिए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने ये टैंट डिसइंगेजमेंट के तहत पीछे हटाए हैं. दोनों देशों की सेना ने डिसइंगेजमेंट पर सहमति जताई है और सेनाएं मौजूदा स्थान से पीछे हटी हैं.
मिडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चीन झुक गया है. भारत और चीन की सेनाओं के बीच 30 जून को करीब 10 घंटे तक कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी. इस बातचीत का मुद्दे उद्देश्य पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना था. भारत ने पुरानी स्थिति बहाल करने और तत्काल चीनी सैनिकों को गलवान घाटी, पेंगोंग सो और अन्य इलाकों से वापस बुलाने की मांग की थी.
पूर्वी लद्दाख के विभिन्न स्थानों पर सात हफ्ते से भारत और चीन के सेनाओं के बीच तनाव है और यह तनाव और बढ़ गया जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए. चीनी पक्ष को भी नुकसान हुआ लेकिन उसने इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की. दोनों पक्षों के बीच 22 जून को हुई वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले सभी स्थानों पर पीछे हटने को लेकर परस्पर सहमति बनी थी. पहले दो दौर की बातचीत एलएसी के पास चीनी जमीन पर मोल्दो में हुई थीं.
गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद सरकार ने सशस्त्र बलों को 3500 किलोमीटर लंबी एलएसी के पास चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी छूट दे दी है. पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में बयान जारी कर कहा था कि तनाव के लिए चीन जिम्मेदार है और जिसने मई की शुरुआत में सभी आपसी सहमति को ताक पर रखकर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती एलएसी के पास की.