बयान में कहा गया है की कोविड-19 के मरीजों को सांस से जुड़ी तकलीफ होती है. यदि वह एक्सपर्ट द्वारा बताई गई गाइडलाइंस का ठीक ढंग से पालन करेंगे तो निश्चित ही वह बिना किसी इलाज के ठीक हो सकते हैं. केवल गंभीर मामलों में ही डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करने की जरूरत होती है. किसी इंसान में इस तरह के लक्षण दिखने पर सावधान रहना चाहिए.बोलने में कठिनाई होना एक चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्थितियों का भी संकेत हो सकता है. इससे पहले भी कोरोना के कई अजीब से लक्षण सामने आए थे जब डॉक्टर्स ने जुबान से स्वाद गायब होने और कान में दबाव होने जैसे लक्षणों का खुलासा किया था.
ऑक्सीजन एंड ला ट्रॉब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कोरोना मरीजों में साइकोसिस की समस्या को उजागर किया था. शोध की प्रमुख डॉक्टर ऐली ब्राउन ने अपनी स्टडी में साफतौर पर कहा था कि कोविड-19 में मेंटल स्ट्रेस का खतरा काफी बढ़ जाता है.यही कारण है कि कोविड-19 के कई मरीज बोलने, सुनने या जुबान से स्वाद को पहचानने की शक्ति खो बैठते हैं. लोगों में साइकोसिस की जांच के लिए वैज्ञानिकों ने MERS और SARS वायरस का परीक्षण किया था.