सुशांत सिंह राजपूत की मौत को हुए तीन महीने से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि सुशांत ने आत्महत्या की या उनकी हत्या की गई है। एऩसीबी-सीबीआई मामले की जांच कर रही है औऱ फूंक-फूंक के कदम रख रही है। वहीं अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। जी हां सुशांत के विसरा की जांच करने वाले एम्स के डॉक्टरों को उनके विसरा से कुछ केमिकल ट्रेसेज़ मिले हैं. लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है जांच जारी है. आज सीबीआई औऱ एम्स की बैठक है जिसमे एम्स की फारेन्सिक टीम इन केमिकल्स की फाइन्डिग सीबीआई को देगी,उन्हें इस बारे में पूरी तरह ब्रीफ भी किया जाएगा. सीबीआई के अधिकारी आगे की जांच के बाद तय करेंगे कि इसका संबंध सुशांत की मौत से था या नहीं.
क्या होता है विसरा और विसरा जांच
किसी की मौत हो जाने के बाद अगर पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराती है, तो इस दौरान मरने वाले के शरीर से विसरल पार्ट यानि आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों का सैंपल लिया जाता है जिसे विसरा कहते हैं. अगर किसी शख्स की मौत संदिग्ध हालात में होती है. उसकी मौत के पीछे पुलिस या परिवार को किसी भी तरह का शक होता है, तो ऐसे मामलों में मौत की वजह जानने के लिए विसरा की जांच की जाती है.
विसरा की जांच केमिकल एक्जामिनर करते हैं. वो विसरा की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि मौत कैसे हुई और मौत की वजह क्या थी? इस जांच में मौत का वक्त, मौत का बताया गया वक्त, शरीर के अंदरूनी अंगों का रंग, नसों की सिकुड़न, पेट में मिलने वाले खाने के अवशेष आदि बहुत अहम होते हैं. इसलिए विसरा जांच में मौत का कारण साफ पता चल जाता है. विसरा रिपोर्ट को न्यायालय में सबूत के तौर पेश किया जाता है. विसरा की जांच संदिग्ध हालात में मौत, गोली लगने से मौत, जहर से मौत, गला रेत कर मौत, रेप के बाद मौत, डूब जाने से मौत या करंट लग जाने पर होने वाली मौत के मामलों में कराई जाती है. शक के आधार पर पुलिस विसरा जांच कराती है.