उत्तराखंड सहित अन्य हिमालयी राज्यों में अचानक आने वाली बाढ़ यानि जीएलओएफ का खतरा बढ़ गया है। नई झीलें बन रही हैं और 24 झीलों का आकार दोगुने से अधिक हो गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर झील खतरनाक नहीं है, लेकिन खतरा साबित होने वाली झीलों की निरंतर निगरानी होनी चाहिए।
सिंचाई भवन में जलवायु परिवर्तन गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें इसको लेकर चिंता जाहिर की गई। गोष्ठी में कहा गया कि पहले नवंबर में अधिक बर्फबारी होती थी। अब जनवरी में अधिक हो रही है। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में जीएलओएफ के बढ़ते संकट पर मंथन किया गया। महाराज ने कहा कि ग्लेशियरों की निरंतर निगरानी जरूरी है।