रुड़की: सरकार दावा करती है कि सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती है। सरकार लगातार राशनकार्ड से लेकर दुकानों तक को डिजिलाइजेशन करने में जुटी है, लेकिन दुकानों के इतर जो सरकारी राशन के बोरे सीधे माफिया के पास बिक जाते हैं। जिनको बिना सरकार मिलीभगत के अंजाम नहीं दिया सकता। उस पर कौन रोक लगाएगा। ऐसा ही एक मामला रुड़की में यामने आया है। राशन माफिया सरकार और गरीब को चुना लगा रहे हैं। तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि राशन माफिया के गोदाम के अंदर गरीब जनता के हिस्से का अनाज कैसे बोरों में भरा पड़ा है।
राशन माफिया ना तो राशन डीलर है, ना अधिकृत दुकान का मालिक। बल्कि ये गरीबों के राशन पर डाका डालने वाला धन्ना सेठ है। सोनी कुमार नाम के इस व्यक्ति का कई वर्षों सेये धंधा चल रहा है। सूत्रों की मानें तो इस पर कहीं ना कहीं नेताआंे का भी हाथ है। अधिकारियों से सेटिंग-गेटिंग का माहिर ये माफिया गरीब लोगों का राशन कोटे के बोरों से दूसरे बोरों में बदलकर फ्लोर मील में बेचता है।
एलआईयू गोदाम की सूचना तहसीलदार को दी। एलआईयू और भगवानपुर तहसीलदार सुशीला कोठियाल गोदाम पर छापा मारने पहुंची तो सरकारी कोटे के बोरों को देखकर सबके होश उड़ गए। रुड़की के भगवानपुर तहसील अंतर्गत रायपुर गांव में एक खंडहर बिल्डिंग में बने इस गोदाम में सरकारी कोटे के अनाज से भरे बोरे मिले हैं। भगवानपुर तहसीलदार ने इस गोदाम को सील कर दिया है। सवाल ये है कि आखिर इसको सरकारी राशन के बोरे कौन सप्लाई करता होगा। क्या उन लोगों पर शिकंजा कसेगा या फिर खानापूर्ति कर उनको फिर से छोड़ दिया जाएगा।