बीते दिन सदन में रखी गई कैग की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बता दें कि कैग की रिपोर्ट ने ऊर्जा विभाग से लेकर कई विभागों की लापरवाही और खामियों का जिक्र किया गया। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की भी पोल खुली। बता दें कि कैग की रिपोर्ट में सड़क को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 263 किलोमीटर की खुली नेपाल सीमा में 173 किमी सड़क का निर्माण प्रस्तावित था लेकिन सड़क की लंबाई केवल 135 किमी ही रखी गई। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे सिस्टम की लापरवाही के कारण इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ा।
अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार को करोड़ों की चपत
रिपोर्ट में कहा गया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार को करोड़ों की चपत लगी। सड़क की डीपीआर गलत बनाए जाने का भी खुलासा कैग की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोनिवि ने संबंधित ठेकेदार को यह बात बताई ही नहीं कि सड़क किस जगह से होकर गुजरनी है। इस लापरवाही की वजह से सरकार को करीब 1.92 कारोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने करीब 209 करोड़ रुपये दिए थे। इनमें से 8 साल में सिर्फ 73 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। कैग रिपोर्ट में सड़क की डीपीआर को पूरी तरह गलत बताया गया है। कहा है कि 12 किमी लंबी सड़क का निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया गया। सड़क निर्माण के दौरान काटे जाने वाले पेड़ों के निस्तारण के लिए वन विभाग से समय पर अनुमति भी नहीं ली गई। रिपोर्ट के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्ता के प्रति भी लापरवाही बरती गई। इसकी निगरानी के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट का सहारा नहीं लिया गया और 9.21 करोड़ रुपये अन्य कार्यों में खर्च किए गए।
विधायक ने की थी धांधली की शिकायत, अब सच हुई साबित
आपको बता दें कि टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग निर्माण में धांधली की शिकायत लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने शुुरुआत में ही की थी। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच न कराने का आरोप भी लगाया था और अपनी ही सरकार के खिलाफ सदन में काम रोको प्रस्ताव भी ला चुके हैं। विधायक फत्र्याल अभी भी इस मामले को लेकर अपनी सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। अब उनका कहना है कि उन्होंने जो आरोप लगाए थे वो सही साबित हुए. कहा कि कैग में इसका खुलासा हुआ जिसका वो विरोध करते आ रहे हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है। कहा कि कैग की रिपोर्ट से यह भी लोगों के सामने आ गया है कि उन्होंने संबंधित विभाग और ठेकेदार के खिलाफ जो आरोप लगाए वह न तो मन गढंत थे और न ही उनमें कोई द्वैष की भावना थी।