प्रधानमंत्री आवास पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान सरकार ने किसानों के हित में फैसले लिए। पिछले एक सप्ताह में केंद्रीय कैबिनेट की यह दूसरी बैठक है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक ने आवश्यक वस्तु कानून में ऐतिहासिक संशोधनों को अनुमति दी गई है। इससे किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों और कृषि क्षेत्र के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने भारत में के उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए मंत्रालयों/विभागों में सचिवों का समूह और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल (पीडीसी) स्थापित करने को अनुमति दी है। जावड़ेकर ने कहा कि बैठक में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलने का निर्णय भी लिया गया। अब इस ट्रस्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट होगा। श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय राजनीतिज्ञ, वकील और शिक्षाविद् थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में वह उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री बनाए गए थे।
ये लिए गए बड़े फैसले
-किसानों को अपने उत्पाद की उचित कीमत मिलेगी।
-आवश्यक वस्तु कानून में किसानों के हित के मुताबिक सुधार किए गए हैं।
-कृषि उत्पादों की बहुतायत के कारण बंधनों वाले कानून की जरूरत नहीं।
-आत्म निर्भर पैकेज की घोषणाओं को आकार देने का काम किया गया।
-मोदी सरकार ने किसानों का हमेशा पक्ष लिया है और उनके हित में काम किया है।
-आवश्यक वस्तु कानून से कई वस्तुएं बाहर की गई हैं।
-सरकार ने आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय दवाओं और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया ( -Pharmacopoeia Commission ) कमीशन गठित करने को अनुमति दी है।
-पीएम किसान सम्मान निधि से एकमुश्त एकमुश्त 75 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
-13 हजार किसानों ने प्रीमियम भरा है। 64 हजार करोड़ के नुकसान की भरपाई की गई है।
हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल होगी।
-आयुष मंत्रालय की गाजियाबाद की दो लैब का मर्जर होगा, इससे दूसरी ड्रग्स का स्टैंडर्डाइजेशन सुनिश्चित होगा।
-किसानों को अपना उत्पाद सीधे निर्यातकों को बेचने की अनुमति मिली।
-किसानों को अपने उत्पाद की अधिक कीमत मिलेगी।
-किसान की सामाजिक सुरक्षा के लिए किसान मान धन योजना बनाई गई है।
-सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड मिले, इस पर काम किया जा रहा है
-खाद सब्सिडी में 80 हजार करोड़ रुपये दिए गए।
-किसान क्रेडिट कार्ड से चार लाख करोड़ किसानों को कर्ज मिला
-किसान को खरीद की गारंटी मिले तो उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है।
-10 हजार नए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाए जाएंगे
-किसान की संरक्षा के लिए कृषि मंत्रालय अनुबंध के मॉडल पर काम करेगा।
-अनुबंध के तहत पैदा किए गए कृषि उत्पादों पर राज्यों का कर लागू नहीं होगा।
-इस अनुबंध में किसानों और अन्य संस्थाओं के बीच विवाद के निपटारा का प्रावधान होगा।
-कोई भी फैसला किसान की जमीन के खिलाफ नहीं होगा।