शराब की फैक्ट्री खोले जाने से लोगों की आस्था को पहुंची ठेस
बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने देवप्रयाग में एक डिस्टलरी प्लांट को लाइसेंस दिया जिसस पूरे उत्तराखंड के लोग विरोध कर रहे हैं. दो नदियों के संगम(अलकनंदा औऱ भागीरथा) वाले जगह पर शराब की फैक्ट्री खोले जाने से लोगों की आस्था को ठेस पहुंची. हिल टॉप नाम से एक विस्की प्लांट यहां लगने से विवाद पैदा हो गया है। इस शराब के कारोबार से अब सियासी कोहराम मचा हुआ है। इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है।
भाजपा-कांग्रेस का आरोप-प्रत्यारोप
भाजपा का कहना है कि इस हिलटॉप की कहानी की शुरुआत कांग्रेस राज से शुरू हुई है। वहीं कांग्रेस ने सरकार पर राज्य को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि उस दौरान भाजपा ने इस फैक्ट्री का विरोध किया तो अब लाइसेंस क्यों दिया.
सीएम का बयान- इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा
टॉपहिल व्हिस्की का मुद्दा सोशल मीडिया पर खूब गरमाया. जिससे भाजपा असहज दिखी. इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ये भी कहा कि इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा, राजस्व बढ़ेगा और उत्तराखंड के फलों और फूल का 10 फीसदी इसमें प्रयोग किया जाएगा।
शराब फैक्ट्री को लेकर साधू-संतों ने की आवाज बुलंद, दी चेतावनी
वहीं अब इस पर हरिद्वार साधु संतों ने आवाज बुलंद कर ली है औऱ सरकार को चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार ने देवभूमि को कलंकित करने वाले इन कार्यों को नहीं रोका तो बड़ी संख्या में हिन्दू समाज ना केवल विरोध प्रदर्शन करेगा…. बल्कि कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ ही अनशन पर बैठेगा। जूना अखाड़ा के श्री महंत विनोद गिरी के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में साधू संत शामिल हुए और सभी ने एकजुट होकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
गौर हो की देवप्रयाग में हिलटॉप व्हिस्की का प्लांट खोला गया है औऱ जिस दिन से ये प्लांट दो पवित्र नदियों के संगम वाले स्थान में खोला गया तबसे प्रदेश भर के लोगों में रोष है…लोग इस फैक्ट्री का विरोध कर रहे हैं औऱ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं जबिक सरकार का कहना है कि इससे लोगों को रोजगार मिलेगा. देखने वाली बात होगी कि प्रदेश की जनता औऱ साधुओं का रोष क्या सरकार पर दबाव डालता है या नहीं.या शराब की फैक्ट्री यूं ही चलती रहेगी.