उत्तराखंड चंपावत जिले के एड़ी सेरा छतकोट गांव में शोर मचाने के कारण देर रात एक बड़ा हादसा होने से टल गया। दीपावली के मौके पर चारों ओर बम पटाखें जलाए जा रहे हैं। ऐसे ही जगदीश सिंह के अपने ही घर पर एक जलता हुआ एक राकेट बम उसके घर के पास बनाए गए घास के ढेर में जा घुसा जिससे घास में आग लग गई वो धू-धू कर जलने लगा। घास को जलता देख जगदीश के परिवार ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर ग्रामीणों ने मौके पर आकर आग पर काबू पा लिया।
उत्तराखंड चंपावत जिले के एड़ी सेरा छतकोट गांव में शोर मचाने के कारण देर रात एक बड़ा हादसा होने से टल गया। दीपावली के मौके पर जगदीश सिंह के अपने ही घर पर एक जलता हुआ एक राकेट बम उसके घर के पास बनाए गए घास के ढेर में जा घुसा जिससे घास में आग लग गई वो धू-धू कर जलने लगा। घास को जलता देख जगदीश के परिवार ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए गांव के मुकेश बोहरा ने बताया कि शोर सुनकर ग्रामीण जगदीश के घर की ओर भागे और घास में लगी भीषण आग पर काबू करने की कोशिश की लेकिन आग पर काबू नहीं किया जा सका। इस बीच ग्रामीणों के प्रयास से जगदीश के घास के ढेर को बचाने में ग्रामीण कामयाब हो गए। यदि आग पर काबू नहीं किया जाता तो ये विकराल रूप ले लेती।
वहीं मुकेश ने बताया कि जगदीश सिंह के परिवार ने अपने मवेशियों के खाने के लिए कड़ी मेहनत से घास को काटकर सुखाने के लिए घास के लुटे बनाए थे जो कि जलकर खाक हो गए। घास जलने से जगदीश को आर्थिक नुकसान हुआ है।
इस मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन से जगदीश सिंह को मुआवजा देने की मांग की है। आग बुझाने में मुकेश बोहरा, मनोज, राकेश, रोहित, गणेश सचिन, अमर, इंद्र सिंह, राहुल सहित गांव के सभी ग्रामीणों ने सहयोग दिया।