देहरादून: पिछले ढाई महीनों में उत्तराखंड प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों में आएं भूचाल का सच ये है कि तमाम राजनीतिक पार्टियां अपना हित साधने के लिए विपक्षियों पर हमले ही करती रही है। कम से कम भाजपा की दलीलें तो इसकी पुष्टि करती ही है। ढाई साल से भ्रष्टाचार और सिर्फ भ्रष्टाचार का राग अलापने वाली भाजपा का एक सच ये भी है कि वो कांग्रेस की घेराबंदी के लिए नए मुद्दों की तलाश तक नहीं कर सकी। यही वजह है कि अब भी घेराबंदी की कसमें खाने वाले भाजपाई जनता की मूल आवश्यकताओं पर चुप्पी साधे हुए है। भाजपा की माने तो कांग्रेस के शासनकाल में सिर्फ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार हुआ है। चारों तरफ लूट खसोट और इसके अलावा कुछ भी नहीं। आईने का दूसरा सच ये है कि भाजपा के मुंह से भ्रष्टाचार का ऐसा कैसेट लगा है कि उन्हे कोई दूसरी बात सूझती ही नहीं, पार्टी की नज़र में मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनका मंत्रिमंडल राज्य के विकास के लिए नहीं बल्कि केवल अपनी जेबे भरने के लिए ही काम कर रहा है। उन्हे सरकार की कमियां तो दिखाई दे रही है, लेकिन जनता की मूल सुविधाओं इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। साफ है कि जनता के असल मुद्दे हाशिए पर है, और भ्रष्टाचार चरम पर। दरअसल सच ये है कि मोदी एंड कंपनी के उत्तराखंड के सिपेहसलाहरों के पास मुद्दों का अभाव है। पूरी भाजपा एक स्वर में भ्रष्टाचार और मुख्यमंत्री समेत चार कथित सीडी कांडों के इर्द गिर्द ही घूम रही है। लगता है कि कांग्रेस को घेरने में जुटी भाजपा के पास जनता से जु़ड़ें मूल मुद्दें ही खत्म हो गए है। यही वजह है कि भ्रष्टाचार का राग अलापने वाली भाजपा इससे इतर कुछ सोच ही नहीं पा रही है।