देहरादून: रिश्ते को शर्मसार करते हुए एक भाई ने बहन को ही अपनी हवस का शिकार बनाया…चाचा की तीन साल की बेटी से दुष्कर्म के आरोपित को पोक्सो कोर्ट ने दोषी मानते हुए 14 साल की कठोर सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने जुर्माने की राशि में से दस हजार रुपये और निर्भया फंड से भी तीस हजार रुपये देने के निर्देश दिए हैं।
मामला कोतवाली पटेलनगर मे 12 अक्टूबर 2016 को सामने आया था। विशेष लोक अभियोजक पोक्सो भरत सिंह नेगी ने बताया कि 11 अक्टूबर की रात तीन साल की मासूम अपनी मां के साथ सोई हुई थी। रात तीन बजे मां की आंख खुली तो बेटी बिस्तर पर नहीं थी। इसके बाद उसकी खोजबीन शुरू हुई तो किसी ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले उसके रिश्ते का भाई दीप उर्फ सुदामा पुत्र रूपचंद निवासी चमनपुरी लड़की को टायलेट कराने के लिए ले गया था। वह जो विक्रम चलाता था।
लालपुल पर सब्जी की दुकान चलाने वाले ने दी पुलिस को सूचना
काफी तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चला। सुबह करीब छह बजे लालपुल के पास सब्जी की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी कि एक बच्ची बिना कपड़ों के लालपुर पर खड़ी है। पुलिस बच्ची को चौकी ले आई और माता-पिता के बारे में जानकारी हासिल कर बच्ची को उन्हें सौंप दिया।
लड्डू और चॉकलेट देकर उसे अपने साथ ले गया
घर आने के बाद बच्ची ने परिजनों के पूछने पर आपबीती बताई। बताया कि आरोपित लड्डू और चॉकलेट देकर उसे अपने साथ ले गया था। उसने कमला पैलेस के पास उसके साथ गलत काम किया। जिसके बाद परिजनों ने दीपक उर्फ सुदामा के खिलाफ 12 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कराया।
मासूम का मेडिकल कराया गया तो उसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने उसी दिन शाम को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद बच्ची के कपड़े, तौलिए और आरोपित का ब्लड फोरेसिंक जांच के लिए भेजा गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
मामले में मुख्य न्यायाधीश पोक्सो एक्ट रमा पांडे की अदालत में सुनवाई हुई। तमाम गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार दिया। साथ ही उसे 14 साल की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए। जबकि विपक्षी की ओर से तीन गवाह पेश कर मकान हड़पने के लिए इस प्रकार के आरोप लगाने की बात कही। मगर वह आरोपों की पुष्टि नहीं कर पाए।