देहरादून : 6 अक्तूबर को जासूसी के आरोप में पकडे गए भारतीय सेना का जवान को लेकर चौका देने वाली बात सामने आई है. आपको बता दें उत्तराखंड स्थित बागेश्वर का रहने वाला जवान कंचन आर्मी के ही टेलीफोन एक्सचेंज से जासूसी का नेटवर्क चलाता था। जो की मेरठ छावनी में तैनात था.
जवान की तैनाती आर्मी के टेलीफोन एक्सचेंज में बतौर ऑपरेटर के रूप में
सिगनल रेजिमेंट के जवान की तैनाती आर्मी के टेलीफोन एक्सचेंज में बतौर ऑपरेटर के रूप में थी और उसके लिए विभिन्न छावनियों की जानकारियां जुटाना मुश्किल नहीं था। इसी का फायदा उठाते हुए कंचन ने आर्मी के टेलीफोन एक्सचेंज को ही जासूसी का एक आसान नेटवर्क बनाया। सेना सूत्रों के अनुसार आर्मी एक्सचेंज में ड्यूटी करते हुए कंचन विभिन्न छावनियों के आर्मी एक्सचेंज में कॉल करता था।
परिजन हुए मायूस
वहीं बेटे द्वारा भारतीय सेना की और जरुरी जानकारी पाक को देने और गिरफ्तार होने पर आरोपी के परिजन मायूस हैं. उनका कहना है कि उन्हे तो विश्वास ही नहीं हो रहा की उनके बेटे ने ऐसा काम किया.
उन लोगों से रखता अच्छा व्यवहार
लंबे समय से इससे संबंधित काम करने की वजह से कंचन की दूसरी एक्सचेंजों में उसके कई जगह जान पाहचान हो गई थी. कंचन उन लोगों से बहुच अच्छे तरीके से और अच्छे व्यवहार के साथ रहता था जिसके वजह से वो संबंधित छावनियों में यूनिटों की मूवमेंट व डिप्लॉयमेंट, आर्मीे कमांडरों की तैनाती व तबादलों की जानकारियां जुटाता और उसे व्हॉट्सएप के जरिए आगे भेजता था। दूसरी एक्सचेंजों से भी इस तरह की जानकारियां ऑफिशियल समझकर कंचन से शेयर कर दी जाती थी।
अचानक वेस्टर्न कमांड के राडार पर आ गया कंचन
चंडीगढ़ की वेस्टर्न कमांड आईएसआई ने उतर भारत में सेना की करवाई जा रही जासूसी के एक इनपुट पर काम कर रही थी। इसी इनपुट को खंगालते हुए कंचन तो अचानक वेस्टर्न कमांड के राडार पर आ गया। पहले तो काफी समय तक इस जवान की गतिविधियों को वॉच किया। लेकिन जब सेना को जब कंचन द्वारा जासूसी करने के पुख्ता सुबूत मिल गए तो वेस्टर्न कमांड ने इसकी सूचना मेरठ छावनी से साझा कर कंचन को गिरफ्तार कर लिया.
जवान की फेसबुक पर पाक के अलावा कई विदेशी दोस्त
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी कंचन की फेसबुक पर दो पाकिस्तानी दोस्तों के साथ-साथ कुछ और भी विदेशी दोस्त थे, जिनसे कंचन चैट किया करता था। अभी तक की पूछताछ में कंचन के किसी हनी ट्रैप में फंसे होने की बात भी सामने नहीं आई है। लेकिन जांच की जा रही है.
आर्मी कमांडरों की कॉन्फ्रेंस पर गड़ी थीं पाक की नजरें
सैन्य सूत्रों के अनुसार 9 अक्टूबर से दिल्ली में शुरू हुई आर्मी कमांडरों की कॉन्फ्रेंस पर भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नजरें गड़ाए हुए थी। लिहाजा इस कॉन्फ्रेंस से जुड़ी जानकारियों की भी जासूसी की प्रबल संभावनाएं थी। इसी सर्तकर्ता को लेकर काम कर रही सेना के राडार में कंचन आ गया और सेना ने आर्मी कमांडरों की कॉन्फ्रेंस से पहले ही 6 अक्तूबर देरशाम को कंचन को जासूसी के आरोप में धर लिया गया था।