हल्द्वानी- आंदोलन अगर अपने मकसद में कामयाब नहीं होते तो उसकी वजह शायद यही है कि कुछ चकड़ैत जयचंद और विभीषण भी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।
उनकी वजह से सत्ता को लाठी फटकारने का मौका मिल जाता है और आंदोलन अंजाम तक पहुंचने से पहले ही बिखर जाता है।
उत्तराखंड में मुहल्लों के भीतर पहुंच चुकी शराब की दुकानों के खिलाफ चल रहे शराब विऱोधी आन्दोलन की कमर इन्ही विभीषणों की वजह से चटकने की कगार पर पहुंच चुकी है। हल्द्वानी में वॉयरल ऑडियो ने जहां आंदोलन में शामिल खांमुखां के नेताओं को बेनकाब कर दिया है। वहीं इनकी हरकतों से शराब विरोध आंदोलन फिलहाल घुटने के बल बैठने की स्थिति में आ गया है।
बहरहाल हल्द्वानी में वॉयरल होकर नेताओँ के ईमान की लंगोट खोलते एक वॉयरल ऑडियों में जहां शराब विरोध खत्म करने के लिए महिला नेत्री 25 हजार रुपए लेने की बात कबूल रही है तो वहीं दूसरे वॉयरल ऑडियों में नेता जी एक लाख की डिमांड कर रहे हैं।
हालांकि बताया जा रहा है कि महिला नेत्री का गुस्सा ठेकेदार पर बरकरार है लेकिन एक लाख वाले नेता जी 10 हजार लेकर ही दूसरी दुकान के विरोध के लिए सरक गए हैं।
अब नेता जी विरोध के लिए गए या विरोध की कीमत वसूलने ये तो नेता जी का ईमान ही जाने। बहरहाल वॉयरल ऑडियो ने शराब विरोध आंदोलन की कमर तोड़ने का काम कर दिया है।