देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय में आज हुई त्रिवेंद्र कैबिनेट बैठक में जहां कई अहम फैसलों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई वहीं प्रदेश के बीएड प्रशिक्षितों को प्रथामिक शिक्षक बनने पर त्रिवेंद्र कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई जिससे बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों में खुशी की लहर है तो वही डीएलएड प्रशिक्षित में कैबिनेट के इस फैसले से मायूसी छा गई है। जी हां आज हुई कैबिनेट बैठक में कैबिनेट ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन किया है,जिसके तहत अब प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए नई नियमावली प्रभावी रूप से लागू होगी।
इन मानकों के तहत बन सकेंगे प्राथमिक शिक्षक
प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए अब नए नियमों के तहत भर्ती होगी,वर्तमान में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए डीएलएड की अनिवार्यता थी जिसे अब खत्म कर दिया गया है। नए नियमों के तहत अब दो वर्षीय डीएलएड का कोर्स करने वाले प्रशिक्षकों के साथ बीएड प्रशिक्षितों को भी प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका मिलेगा लेकिन बीएड करने के बाद जो प्राथमिक शिक्षक बनेगे उन्हे शिक्षा विभाग 6 माह का ब्रिज कोर्स कराएगा,जिसके बाद की बीएड प्रशिक्षितों को प्राथमिक शिक्षक बनने का अवसर प्राप्त होगा। नई नियमावली के तहत अब प्राथमिक शिक्षकों के ब्लॉक संवर्ग को खत्म कर जिला संवर्ग के अंतर रखा जाएगा। लेकिन जो बीएड प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए आवेदन करेगा,वही स्नातक स्तर पर 50 प्रतिशत अंको के साथ पास होना जरूरी होगा।
टीईटी की मैरिट बनेगी चयन का आधार
बीएड प्रशिक्षितों को भी प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका मिलने के बाद अब प्राथमिक शिक्षक बनने के चयन के लिए भी बड़ा बदलाव किया गया है,जो डीएलएड प्रशिक्षित और बीएड प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षक बनेगा टीईटी पास के दौरान जो अंक अभ्यार्थी ने हासिल किए होंगे,उनही अंको आधार पर मैरिट बनेगी,यानी साफ है कि जो नम्बर टीईटी पास के दौरान अभ्यार्थी ने हासिल किए प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए वहीं अंक शिक्षक बनने का आधार बनेगा।