बोर्ड आंधी आने से गिर गया था। तब से ऐसा ही लटका हुआ है। पहले बीच सड़क पर था। लोगों ने वाहनों की आवाजाही में दिक्कतें आने पर खुद ही इसे किनारे कर दिया। अक्सर लोग बस के इंतजार में बस स्टाॅप पर खड़े रहते हैं। ऐसे में अगर ये भारी-भरकम बोर्ड और होले की रेलिंग किसी पर गिर जाती है, तो बड़ा हादसा हो सकता है।
स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को भी दी। बावजूद इसके अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। बोर्ड अमर उजाला ने अपने प्रचार-प्रसार के लिए लगाया था। जो आंधी के कारण गिरा और तब से वहीं लटका हुआ है। गनीमत है कि अब तक ये किसी हादसे का कारण नहीं बना।