देहरादून- चारधाम यात्रा राज्य की एक बड़ी आर्थिक रीढ़ है। 2013 की आपदा के दौरान केदारनाथ मे मची तबाही के बाद यूं लग रहा था कि शायद ही देश दुनिया के लोग दोबारा से उत्तराखंड का रूख करेंगे और चारधाम यात्रा फिर से पटरी पर लौटेगी। लेकिन सरकार की कोशिश से केदारधाम यात्रा तो पटरी पर लौट गई लेकिन केदारघाटी के जख्म अभी भरे नहीं हैं। हालांकि सरकार की माने तो सूबे मे शीतकाल के मंदिरों को भी धार्मिक यात्रा से जोड़ा जाएगा ताकि राज्य में 12 महीनों चारधाम यात्रा बरकरार रहे। इसके लिए सरकार बदरी-गंगाधाम दर्शन योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन उखीमठ के ओंकारेशवर मंदिर में होंगे तो मां गंगा मुखवा में भक्तों को दर्शन देगी। इसके लिए सरकार श्रद्धालुओं के वास्ते खास पैकेज बनाने जा रही है। माना जा रहा है कि इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार देवताओं के शीतकाल प्रवास स्थलों में श्रद्धालुओं के लिए सहूलियतों को विकसित करेगी। ताकि बारह महीने राज्य में यात्रियों की चहल पहल बनी रहे।