देश के लिए बुरी खबर है. लखनऊ से दिल्ली जा रही उत्तरप्रदेश की रोडवेज बस यमुना एक्सप्रेस-वे पर अनियंत्रित होकर नाले में जा गिरी जिसमें 29 लोग मौत के मूंह में समा गए जबकि 20 लोग घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दर्दनाक हादसे के बाद जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार, एसएसपी बबलू कुमार और फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर मौके पर पहुंचे।
झपकी के कारण 30 फुट गहराई में गिरी बस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अवध डिपो की रोडवेज बस रविवार रात 10:00 बजे आलमबाग रोडवेज बस स्टैंड से सवारियों लेकर दिल्ली के लिए निकली थी। लखनऊ एक्सप्रेसवे और इनर रिंग रोड होते हुए तड़के 3:30 बजे करीब बस यमुना एक्सप्रेस वे पर पहुंची. करीब दो-तीन किलोमीटर चलने के बाद चालक चालक को झपकी आई और बस अनियंत्रित होकर यमुना एक्सप्रेस-वे से 30 फुट नीचे नाले में जा गिरी.
अधिकतर यात्री सो रहे थे
जानकारी मिली है कि हादसे के समय अधिकतर सवारी है सो रही थी। इसलिए किसी को चीखने का भी मौका ना मिला। वहीं पास ही के गांव के लोगों ने बस के गिरने की जोर की आवाज सुनी और भारी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंचे.
एक महिला और एक बच्चे समेत 29 लोगों की मौत
बस में से करीब 18 से 20 लोगों को निकाल गयाा. तब तक पुलिस पहुंच गई। इसके बाद इनको एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। हादसे के करीब 2 घंटे बाद जेसीबी और क्रेन मौके पर पहुंची और बस को सीधा कर फंसे लोगों को निकाला गया। सभी की मौत हो चुकी थी। एक महिला और एक बच्चे समेत 29 लोगों की मौत हो गई। मृतकों की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है। सभी को पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया है शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे पर यह अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना मानी जा रही है।
गोताखोर अब भी नाले में लोगों की तलाश में जुटे हैं। अभी तक हादसे की वजह का पता नहीं चल सका है। बस लखनऊ से गाजियाबाद जा रही थी। आगरा के जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने भी बताया कि इस हादसे में 29 शवों को निकाला जा चुका है। एक घंटे में राहत बचाव पूरा हो सकता है।