हरिद्वार : योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ पर हलाल प्रमाण पत्र लेने को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। पतंजलि के हलाल प्रमाण पत्र लेते ही कई तरह की बातें सामने आने लगीं, जिसके बाद योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण को सामने आना पड़ा। उन्होंने हलाल प्रमाण पत्र पर सफाई दी और साफ किया कि कंपनी ने ये हलाल प्रमाण पत्र क्यों लिया है।
आचार्य बालकृण ने कहा कि भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियां यह प्रचार कर रही हैं कि स्वामी रामदेव के पतंजलि प्रतिष्ठान ने हलाल मीट के निर्यात के लिए हलाल प्रमाण पत्र लिया है। वास्तव में यह दुष्प्रचार है। कंपनियां चाहती हैं कि भारत में पतंजलि के उत्पाद बिकने बंद हो जाएं। वास्तव में यह प्रमाण पत्र अरब देशों में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्यात के लिए लिया गया है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश को यदि अरब देशों में कोई सामान बेचना हो तो उन देशों में इसके लिए हलाल प्रमाणपत्र अनिवार्य किया है। यह प्रमाणपत्र किसी भी पदार्थ या वस्तु के लिए होता है।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक या एलोपैथिक दवा निर्यात के लिए भी इस प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है। अरब देशों में पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाओं एवं हर्बल उत्पादों की भारी मांग है। इसकेस चलते ही पतंजलि ने हलाल प्रमाण पत्र अरब देशों में निर्यात के लिए प्राप्त किया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि के उत्पादन पूरी तरह शाकाहारी पदार्थों और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों पर आधारित हैं। यही उनको लक्ष्य भी है।