देहरादून : अटल आयुष्मान योजना में ज्यादा कमाई के चक्कर में निजी अस्पताल मरीजों के इलाज में खेल कर रहे हैं। काशीपुर के देवकी नंदन हॉस्पिटल में पांच मामलों में सर्जरी कर मरीज को डिस्चार्ज किया और बाद में उसी मरीज को भर्ती दिखा दिया गया। अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर देवकी नंदन हॉस्पिटल का योजना से अनुबंध निरस्त कर 3.24 लाख की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं।
आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध देवकी नंदन हॉस्पिटल की जांच में पाया कि तीन अप्रैल 2019 को मरीज की सर्जरी की और अगले ही दिन मरीज को डिस्चार्ज कर दिया। उसी मरीज को 12 अप्रैल को हॉस्पिटल में भर्ती दिया गया, जबकि 20 अप्रैल को मरीज के उपचार के लिए प्री-ऑथराइजेशन की अनुमति ली गई। इसी तरह चार दूसरे मामलों में भी मरीजों की पहले सर्जरी फिर डिस्चार्ज और बाद में भर्ती दिखाया गया।
आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध होने से 16 मई तक देवकी नंदन हॉस्पिटल में 143 मरीजों का इलाज किया।इसमें 61 मामलों में मरीजों का इलाज अनुमति से पहले किया गया। मरीजों के इलाज के नाम पर क्लेम राशि के बिलों में फर्जीवाड़ा करने पर 10 जून को अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
सही जवाब नहीं मिलने पर अटल आयुष्मान के निदेशक प्रशासन डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने देवकी नंदन हॉस्पिटल का योजना से अनुबंध निरस्त करने के आदेश जारी किए। वहीं अस्पताल को 3.24 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल को 15 दिन का समय दिया है।