रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा का मंजर याद आते ही मन में सिहरन उठ जाती है। उस भीषण और भयावह आपदा की याद अंदर तक झकझोर देती है। आपदा के बाद भले ही यात्रा ने तेजी पकड़ ली हो, लेकिन केदारनाथ त्रासदी में पूरी तरह बर्बाद हो चुके रामबाड़ा की सूरत अब तक नहीं सुधारी जा सकी। लेकिन, अब रामबाड़ा को फिर से नई पहचान देने की तैयारी शुरू हो गई है। जिससे रामबाड़ा को फिर से जीवंत किया जा सके। उसकी रौनक को लौटाया जा सके।
दरअसल, रामबाड़ा में कांच का पुल बनाने का तैयारी तेज कर दी है। प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है। ये पुल चीन में बने कांच के पारदर्शी पुल की तर्ज पर बनाया जाएगा। इस पुल के बनने से रामबाड़ा को नई पहचान मिलने की उम्मीदें भी नजर आने लगी हैं।
रामबाड़ा केदारनाथ यात्रा का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पड़ाव था। रामबाड़ा से ही घाड़े-खच्चरों का भी मुख्य पड़ाव था। रामबाड़ा आसपास और पूरे उत्तराखंड समेत देश के अलग-अलग राज्यों से यात्राकाल के दौरान काम करने आने वालों की रोजी-रोटी का भी जरिया था। आशा करते हैं कि रामबाड़ा की उम्मीदें उतनी ही साफ हों, जितना साफ कांच से आर-पार नजर आता है।