देहरादून: सरकार ने कैबिनेट में प्रतिकर योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत महिला हिंसा की पीड़ित महिलाओं के लिए कई तरह के प्रावधान किये गए हैं। बलात्कार, यौन उत्पीड़न और तेजाब हमले की शिकार महिलाओं को मुआवजा देगी। पीड़ित महिला प्रतिकर निधि के तहत पीड़ित महिलाओं को 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी।
राज्य में वैसे तो 2013 से अपराध पीड़ित महिला और उत्तरजीवी को मुआवजा दिया जा रहा है। लेकिन, अब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को इसका हिस्सा बनाते हुए ‘उत्तराखंड यौन अपराध एवं अन्य अपराध से पीड़ित उत्तरजीवी महिला प्रतिकर योजना 2020’ को मंजूरी दे दी है। यह योजना राज्य में अक्तूबर 2018 से लागू मानी जाएगी। तेजाब हमले की स्थिति में एफआईआर के 15 दिन के भीतर एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई पीड़ित नाबालिग है तो मुआवजे की अस्सी प्रतिशत राशि बैंक में बालिग होने तक जमा रहेगी।
महिला हिंसा मामले में मौत हो जाने की स्थिति में पांच से दस लाख, गैंर रेप पिीड़िता को 5 लाख से 10 लाख, बलात्कार पीड़िता को 4 लाख से 7 लाख, अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न 4 लाख से 7 लाख तक, 80 प्रतिश विकलांग होने की स्थिति में दो लाख से पांच लाख और तेजाब हमले होने की स्थिति में सात लाख से आठ लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देनी होगी।