देहरादून : राज्यसभा की खाली हुई सीटों के लिए निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी कर चुका है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी दावेदारों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। उत्तराखंड में भी राज्यसभा की एक सीट खाली हो रही है, जिस पर चुनाव होना है।
भाजपा में मंथन शुरू
उत्तराखंड भाजपा में इस बात के लिए मंथन शुरू हो गया है कि किसको राज्य की एक सीट से राज्यसभा भेजा जाएगा। भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का नाम राज्यसभा के प्रबल दावेदारों में बताया जा रहा है। लेकिन, भाजपा के नेता खुलकर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। यहां तक कि नेता इस मसले पर बात करने को भी तैयार नहीं हैं।
विजय बहुगुणा की चर्चा
2016 में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल बीजेपी में शामिल हुए थे। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने खुलकर विजय बहुगुणा का समर्थन किया। सुबोध उनियाल ने विजय बहुगुणा को उपयुक्त उम्मीदवार बताया। लेकिन, हरक सिंह रावत सवाल से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह भाजपा हाईकमान को तय करना है कि किसको उत्तराखंड से राज्सभा भेजा जाना है।
इनकी हो रही चर्चा
राज्य के बाहर रह रहे 3 और लोगों के नाम भी राज्यसभा के लिए भाजपा से चर्चा में हैं। इनमें पहला नाम सुरेश भट्ट का है, जो वर्तमान में हरियाणा में संगठन मंत्री हैं। शौर्य डोभाल के नाम को भी आगे किया जा रहा है। कई मीडिया रिपोर्टों में हाल ही में राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी बनाए गए महेंद्र पांडेय को भी मजबूत दावेदार बताया जा रहा है। राज्यसभा की एक सीट के लिए अंतिम फैसला संदीय बोर्ड को लेना है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने भी मीडिया को ऐसे ही बयान दिए हैं। अब देखना होगा कि किसकी दावेदारी मजबूत होती है और पार्टी किस पर मेहरबानी दिखाती है।
बाहरी से गुरेज
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस फिलहाल इस मसले पर चुप है। कांग्रेस में कोई खास हलचल भी नजर नहीं आ रही है। हालांकि इस बात की चर्चा भाजपा में जरूर है कि अगर किसी बाहरी को प्रत्याशी बनाया जाता है, तो कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर भुनाने का प्रयास करेगी। इसकी पीछे यह माना जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू भी राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की कतार में शामिल हो सकते हैं।