वहीं इसी के साथ अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा भी सामने आया जिसमें अली नर्सिग होम काशीपुर व प्रिया अस्पताल हरिद्वार के खिलाफ प्रथम दृष्टि में योजना संचालन में अनियमितताएं, अनुबंध का उल्लंघन और धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है जिसको देखते हुए योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत ने इन अस्पतालों की सूचीबद्धता को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए इनके सभी भुगतान रोक लगाई.
वहीं दोनों अस्पतालों में अनियमितता की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है, जो 15 दिन के भीतर पूरी जांच कर रिपोर्ट कार्यालय को सौंपेगी। आपको बता दें कुछ समय से लगाताक इस योजना में अनियमिमतताओं की शिकायतें मिल रही थी…जिसके बाद ये कार्रवाही की गई.
पहला अस्पताल काशीपुर का
मिली जानकारी के अनुसार योजना के तहत सूचीबद्ध अली नर्सिग होम, अलीखान चौक(काशीपुर) के खिलाफ मिली शिकायत की जांच में पाया गया कि यहां कुल 72 मरीजों में से मात्र 13 का ही रैफरल लिया गया. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा में कोई भी चिकित्सक तैनात न होने के बावजूद मेडिकल ऑफिसर की मोहर लगाकर 12 मरीजों को रैफर किया गया है। यहां 72 में से 44 मरीजों का उपचार केवल दो पैकेज में किया गया। यहां तक कि 72 में से 64 मरीजों की डिस्चार्ज समरी एक ही तरीके से बनाई गई है। जिस डॉक्टर के इनमें हस्ताक्षर हैं, उनका नाम अस्पताल के पुराने रिकार्ड में नहीं है।
दूसरा अस्पताल हरिद्वार
वहीं इसी तरह प्रिया अस्पताल, धनपुरा लक्सर में जिस चिकित्सक को 24 घंटे उपलब्ध बताया है। वह पहले से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रायसी में संविदा के आधार पर तैनात हैं। इसके अलावा यह चिकित्सक एक अन्य अस्पताल में भी अपनी सेवाएं दे रहा है। यहां 40 में से 33 मरीजों का इलाज तीन पैकेज के अंतर्गत किया गया है। इन मरीजों में से 23 को साधारण बीमारी होते हुए भी रैफरल के जरिये भर्ती किया गया। दोनों ही प्रकरणों की जांच डॉ.अमलेश कुमार सिंह और डॉ. मदन मोहन को सौंपी गई है। इसके साथ ही दोनों अस्तपालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभिकरण के सिस्टम पर ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए हैं।