स्वर्गीय अरुण जेटली के परिजनों ने उन्हें मिलने वाली पेंशन लेने से साफ इनकार कर दिया है। इसके लिए उनकी पत्नी ने राज्यसभा के उपसभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अरुण जेटली को मिलने वाली पेंशन उन कर्मचारियों को दी जाए जो लोग कम तनख्वाह में काम करते है और जो जरुरतमंद हैं।
जरुरतमंद लोगों को दान में दी जाए जिनकी जेटली ने दशकों तक सेवा की है
संगीता जेटली ने वेंकैया नायडू को पत्र के जरिए कहा कि जितने भी महान कार्य अरूण जेटली करते थे, उसी मार्ग पर चलते हुए मैं संसद से अनुरोध करती हूं कि एक दिवंगत सांसद के परिवार को मिलने वाली पेंशन को उस संस्थान के जरुरतमंद लोगों को दान में दी जाए जिनकी जेटली ने दशकों तक सेवा की है। उनका कहना था कि ये पैसा राज्यसभा के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को मिलना चाहिए। उन्होंने पत्र में यह भी बताया कि उन्हें पूरा यकीन है कि अरुण की भी यही इच्छा होती।
पत्र की एक कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी गई है। मालूम हो भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली ने 66 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में 24 अगस्त को हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया था। वह यहां कई दिनों तक ICU में भर्ती थे। आपको बता दें उनके पास वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। इसके अलावा वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। वह चार बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे।