रुड़की: लापता अधिवक्ता की हत्या हो गई है। पुलिस ने इस पूरे मामले में अधिवक्ता की मौत का खुलासा कर दिया है। हत्या तीन लाख रुपये की सुपारी देकर कराई गई है। हत्या कराने वाले कोई और नहीं बल्कि उसी के साथी दो कारोबारी है। गंगनहर में अधिवक्ता की हत्या की गई है। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों का गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि एक आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस ने हत्यारोपियों की निशानदेही पर उसकी स्कूटी बरामद कर ली है। अधिवक्ता का शव अभी बरामद नहीं हुआ है। इसके लिए गंगनहर को खंगाला जा रहा है।
गंगनहर कोतवाली में एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने बताया कि 14 सितंबर को मोहम्मदपुर पांडा गांव निवासी पवन कुमार ने गंगनहर कोतवाली आकर बताया कि उनका दामाद एवं अधिवक्ता पुष्पेंद्र निवासी कृष्णानगर 13 सितंबर से लापता हैं। उनकी सभी संभावित स्थानों पर तलाश की गई, लेकिन कोई पता नहीं चला। इस पर पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर पुष्पेंद्र की तलाश शुरू की।
जानकारी करने पर पता चला कि पुष्पेंद्र का फाइनेंस का भी काम था। उनके साथ श्याम कुमार पुत्र बाबू निवासी गली नंबर 13 कृष्णा नगर एवं सौरभ उर्फ चिंटू पुत्र नरेश निवासी गली नंबर-14 कृष्णा नगर भी कारोबार में शामिल है। जांच पड़ताल में कुछ ऐसी बातें सामने आई, जिससे पुलिस को श्यामकुमार और सौरभ की हरकतों पर संदेह हुआ।
पुलिस ने हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। शुरू में तो दोनों ने पुलिस को गुमराह किया, लेकिन अपनी ही बताई कुछ बातों में वह फंस गए। सख्ती से पूछताछ में उन्होंने बताया कि पुष्पेंद्र की कारोबार पर बहुत अच्छी पकड़ थी। वह पुष्पेंद्र से पूरा कारोबार हथियाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
श्याम कुमार ने अपने साथी तरुण त्यागी उर्फ बिट्टन निवासी फाजिलपुर इकबालपुर हाल निवासी शिव मंदिर गीतांजलि विहार और सुनील उर्फ अजय पुत्र सेवाराम निवासी कुलेड़ा थाना मंगलौर से संपर्क किया और पूरी बात बताई। इन दोनों ने गुलजार पुत्र तारिक निवासी कूटखास थाना रोहटा, जिला मेरठ एवं गुलफाम पुत्र तारिक निवासी कूटखास थाना रोहटा मेरठ से संपर्क किया। हत्या के लिए तीन लाख रुपये मांगे।
सौरभ और श्याम कुमार इसके लिए तैयार हो गए। इसके लिए पूरी एक योजना बनाई। योजना के तहत 13 सितंबर की शाम को पुष्पेंद्र को बहाने से बुलाया। पुष्पेंद्र अपनी स्कूटी से गणेशपुर पुल के समीप पहुंचा। यहां श्याम कुमार और सौरभ ने उसे शराब पिलाई। जब वह नशे हो गया तो सुनील उर्फ अजय, तरुण त्यागी वहां आ गए और उन्होंने मिलकर पुष्पेंद्र को गंगनहर में फेंक दिया। कुछ ही देर बाद पुष्पेंद्र गंगनहर में डूब गया।
हत्या करने के बाद सुनील अधिवक्ता की स्कूटी अपने साथ ले गया। उसने योजना के मुताबिक स्कूटी नारसन क्षेत्र में गुलजार एवं गुलफाम को नष्ट करने के लिए दे दी, जो कि एक टायर पंचर की दुकान पर काम करते हैं। एसपी देहात ने बताया कि स्कूटी बरामद कर ली गई है। श्यामकुमार, सौरभ, तरुण त्यागी, गुलजार, गुलफाम को गिरफ्तार कर लिया। सुनील उर्फ अजय अभी फरार है। अधिवक्ता के शव की तलाश की जा रही है। इस मौके पर सीओ रुड़की एसके ¨सह, गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमर चंद शर्मा आदि मौजूद थे।
शव न मिल पाने से असंतुष्ट दिखे परिजन
पत्रकार वार्ता के दौरान अधिवक्ता पुष्पेंद्र के ससुर पवन कुमार प्रधान निवासी मोहम्मदपुर पांडा ने कहा कि पुलिस ने पूरे मामले का पटाक्षेप तो कर दिया है। हत्यारोपी भी पकड़े जा चुके हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उनका दामाद नहीं मिल पाया है। यदि इन लोगों ने उसकी हत्या कर दी है तो उसका शव मिलना चाहिए, क्योंकि यदि शव नहीं मिल पाया तो यह हत्यारोपी छूट जाएंगे।