नैनीताल : उत्तराखंड के कुमाऊं में भारी बारिश से हुई तबाही के बीच सेना के जवान बिना देरी किए बचाव और राहत कार्य में जुट गए। नैनीताल झील के जलस्तर बढ़ने से तल्लीताल में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना की टुकड़ी ने छह घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर 300 लोगों को बचाया, इनमें दो बच्चे भी शामिल थे। वहीं वायुसेना ने भी आपदा में उत्तराखंड के लोगों की जान बचाई.सेना लोगों के लिए देवदूत बनकर आई।
आपको बता दें कि नैनीताल से सेना का बचाव दल आज 9:30 बजे रामगढ़ तल्ला पहुंचा और 1 बजे लक्ष्य स्थल पर पहुंचा। सड़कों पर मलबा साफ करने के बाद, जहां कई परिवार खतरे में थे और अपने घरों के आसपास भूस्खलन के कारण फंस गए थे।सेना ने उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाय। वहीं इस बीच खबर आई कि एक सेना अधिकारी का परिवार भी बाढ़ के पानी के बीच फंसा हुआ है। सेना का अधिकारी वर्तमान में राजस्थान में तैनात है। उसके परिवार की तीन महिलाएं, तीन बुजुर्ग पुरुष और एक बच्चा फंसा हुआ है। सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उस क्षेत्र के अन्य नागरिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान अभी भी जारी है।
टनकपुर में सेना ने चार घंटे रेस्क्यू अभियान चलाकर 283 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इनमें 55 बच्चे भी शामिल थे। जीओसी सब एरिया मेजर जनरल संजीव खत्री ने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए दोनों जगह सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों को स्टैंड बाय पर रखा गया है।