
बैंक ने भी कम किया अनुमान
इसके साथ ही सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने भी शुक्रवार को विकास दर में कटौती कर इस वर्तमान वित्त वर्ष में पांच फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पहले डीबीएस बैंक ने 5.5 फीसदी का अनुमान जताया था।
4.5 फीसदी पर जीडीपी
इससे पहले जारी किए गए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में सुस्ती गहराने के संकेत मिले हैं। जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है। इससे पहले जनवरी-मार्च, 2013 तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.3 फीसदी रही थी, वहीं एक साल पहले की समान अवधि यानी जुलाई-सितंबर, 2018 तिमाही में यह सात फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर पांच फीसदी रही थी।
नोमुरा ने भी घटाया था अनुमान
जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा ने भी इस साल दिसंबर तिमाही का विकास दर का अनुमान घटाकर 4.3 फीसदी किया था। हालांकि नोमुरा के अनुसार, वर्ष 2020 की पहली तिमाही में इसमें सुधार आएगा और यह 4.7 फीसदी पर रह सकती है। इस संदर्भ में नोमुरा की मुख्य अर्थशास्त्री (भारत और एशिया) सोनल वर्मा का कहना है कि, ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के संकट के कारण डोमेस्टिक लोन अवेबिलिटी की स्थिति गंभीर बनी है।’
RBI ने भी घटाया अनुमान
इससे पहले पांच दिसंबर 2019 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी जीडीपी का अनुमान घटाया था। केंद्रीय बैंक के अनुसार, साल 2019-20 के दौरान जीडीपी में और गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी से गिरकर पांच फीसदी पर आ सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। इससे पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.50 फीसदी से घटाकर 5.10 फीसदी कर दिया था।