देश की सरहदों की निगहबानी करते हुए उत्तराखंड के एक और लाल ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। तीन दिन पहले कश्मीर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में देहरादून के रहने वाले नायक जीत बहादुर थापा शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि जीत बहादुर थापा तीन दिनों पहले कश्मीर के नौगांव में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके सिर में गोली लगी थी। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें दिल्ली स्थित राष्ट्रीय राइफल्स के अस्पताल में एडमिट कराया गया था। कोमा में उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई और आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया।
जीत बहादुर की मूल तैैनाती 41 गोरखा राइफल्स में थी लेकिन फिलहाल उन्हें राष्ट्रीय राइफल्स में तैनाती दी गई थी। 37 साल के जीत अपने अदम्य साहस और बहादुरी के लिए जाने जाते थे।
जीत बहादुर का शव मंगलवार की सुबह उनके देहरादून के बंजारावाला स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा।
जीत बहादुर की मौत से पूरा उत्तराखंड दुखी है लेकिन अपने वीर बेटे की शहादत पर उसे गर्व भी है। राज्य सरकार ने भी जीत बहादुर की शहादत पर संवेदना व्यक्त की है।
www.khabaruttarakhand.com की ओर से जीत बहादुर की शहादत पर श्रद्धांजलि