लॉकडाउन के चलते कई प्रवासी दूसरे राज्यों में फंस गए हैं। वहीं प्रवासियों के लिए वहीं की सरकार द्वारा खाना पीना रहने का इंतजाम किया गया है। कई जगहों पर खाना पीने पर सवाल उठे और कई जगहों पर क्वारंटाइन सेंटर पर ही सवाल खड़े किए गए। जिस पर सरकार द्वारा सफाई दी गई कि सारी व्यवस्थाएं सरकार द्वारा की गई है।
40 रोटी और 10 प्लेट चावल चट कर जाते हैं अनूप
लेकिन बिहार के एक क्वारंटाइन सेंटर में और किसी तो नहीं लेकिन खाना बनाने वालों को शिकायत है। जी हां खाना बनाने वालों की आफत आ गई है। और आए भी क्यों न…एक 21 साल का युवक खाने में एक बार में 40 रोटी और 10 प्लेट चावल चट कर जाता है और साथ ही 80 लिट्टी खा गए जिससे खाना बनाने वालों के बुरे हाल हैं।
खाना बनाने वालों की आई आफत
क्वारंटाइन सेंटर में खाना बनाने वालों की आफत आ गई है। उनका कहना है कि उनके हाथ खाना बनाते बनाते थक जाते हैं। लेकिन इस युवक का पेट नहीं भरता। ये जानकर अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और ये सब जान और देखकर हैरान रह गए। खाना बनाने वाले 14 दिनों के लिए किए गए क्वारंटाइन युवक अनूप से से परेशान हैं।
21 साल के अनूप बिहार बक्सर के
जानकारी मिली है कि 21 साल के अनूप ओझा राजस्थान की जयपुर में काम करते थे। अनूप का वजन 70 किलो है। लॉकडाउन के बाद रोजी-रोटी का संकट हुआ तो वो अपने घर बिहार के बक्सर के लिए निकल गए। बक्सर जिले में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन सेंटर पर रखा गया हैं। इस कठिन समय में जहां लोगों के खाने पीने के लाले पड़े हैं ऐसे में अनूप के लिए यह एक विकराल समस्या है। अनूप दिखने में सामान्य लोगों की तरह ही कद काठी वाले हैं लेकिन उनका खाने की डाइट हैरान कर देने वाली है।
अकेले 6 लोगों का काम करते हैं अनूप, अधिकारी हैरान
अनूप ने बताया कि वह सामान्य दिनों में भी इतना ही खाते हैं। उनके दोस्तों ने बताया कि अनूप एक बार में 100 समोसे अकेले खा गए थे। अकेले ही 6 लोगों का काम करते हैं। क्वारंटाइन सेंटर में खाना बनाने वालों का कहना है कि चावल का तो कोई नहीं लेकिन रोटी बनाते बनाते उनके हाथ थक जाते हैं। अनूप के खान-पान की जानकारी जब सभी अधिकारियों को लगी तो वे खुद पहुंचे और उन्होंने रसोई को निर्देशित किया कि अनूप को उनकी खुराक़ के हिसाब से ही उनको खाना दिया जाना चाहिए।