देहरादून- बीते साल 8 नवंबर को केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रूपए के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला क्या लिया, भूचाल आ गया था। अफरातफरी के माहौल में बैंकों से लेकर एटीएम के बाहर जनता की कतार लग गई थी। सत्ता पक्ष ने अपने इस कदम को जहां ऐतिहासिक बताया वहीं विपक्ष ने सरकार के इस कदम को भारी विरोध किया। सरकार ने कहा था नोटबंदी से काले धन पर अंकुश लगेगा।
विरोध तब से लेकर अब तक जारी है। हालांकि आज केंद्र सरकार के नोटबंदी को पूरा एक साल हो गया है। ऐसे में नोटबंदी की सालगिरह को सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने तरीके से मना रहा है।
नोटबंदी की सालगिरह और अधूरी तैयारियो के साथ लागू वस्तु एवं सेवा कर का विरोध आज कांग्रेस ने काला दिवस के रूप में किया। देहरादून में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओँ ने काला दिवस मनाया और काले रंग को विरोध का प्रतीक बनाया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सैकड़ो कांग्रेसियों ने कांग्रेस भवन से रैली निकालकर काला दिवस मनाया। किसी के हाथ में काले झंडे थे तो किसी के हाथ में काले गुब्बारे।
कांग्रेसियों ने कहा नोटबंदी के फैसले ने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़कर रख दी। कई लोग बर्बाद हो गए, कई उद्योग बंद हुए जबकि उद्योगपतियों ने हजारों लोगों को नौकरी से हटा दिया। एक साल होने को है लेकिन बेरोजगारी जस की तस है। सरकार आज तक बता नहीं पाई कि नोटबंदी से फायदा क्या हुआ कितना काला धन आया।