सवाल है, जवाब नहीं
पूरे उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले अंकिता हत्याकांड में सबसे बड़ा सवाल यही था कि वो कौन सा VIP था जिसको स्पेशल सर्विस देने के लिए अंकिता पर दबाव डाला जा रहा था। लोग इस सवाल का जवाब आज भी तलाश कर रहें हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस संबंध में पोस्ट्स डाल रहें हैं लेकिन अंकिता ही हत्या के एक महीने बाद भी इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है।
रसूख ने बढ़ाया शक
अंकिता हत्याकांड की जांच को लेकर यूं तो सरकार पूरी सख्ती का दावा कर रही है लेकिन आम लोगों के मन में जांच को लेकर जो संशय बना है उसे दूर करना मुश्किल हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है आरोपियों का रसूखदार होना और सत्ताधारी दल से जुड़ा होना। भले ही बीजेपी ने पुलकित के पिता और भाई को पार्टी से निकाल दिया है लेकिन राज्य की जनता के मन में कहीं न कहीं इस बात को लेकर संशय जरूर है कि पुलकित का कोई ‘रखवाला’ तो नहीं है?
कैसे मिलेगा इंसाफ
अंकिता को पूरा इंसाफ कैसे मिलेगा ये सवाल भी राज्य की आम जनता के बीच कौंध रहा है। अंकिता हत्याकांड से जुड़े कई रहस्य हैं जिनके बारे में अब तक किसी ने खुलासा नहीं किया है। मसलन पुलकित ने किसकी शह पर फारेस्ट से सटी हुई जमीन पर नियम विरुद्ध अपना रिजार्ट बना लिया? रिजार्ट के लिए बने नियमों की अनदेखी कैसे की गई और किसके दबाव में जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखें बंद रखीं? अंकिता के पहले भी ऐसे मामलों की खबरें आईं लेकिन किसी ने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की? आखिर कोई कर्मचारी इतनी हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाया कि वो रिजार्ट में हो रहे काले धंधों के बारे में पुलिस या कोई अन्य सक्षम एजेंसी तक शिकायत कर सके? फिर पुलकित के रिजार्ट पर बुलडोजर किसने चलवाया?
फिलहाल अंकिता केस राज्य की भावनाओं से जुड़ा केस है। इस बात को पुलिस, एसआईटी और सरकार सभी समझते हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस केस में एसआईटी गठन कर ये बता चुके हैं कि केस में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। अब राज्य के लोगों को इंतजार इस बात का है कि कब अंकिता हत्याकांड के असली गुनहगारों को सजा मिलती है। इसके साथ ही समाज के उन चेहरों पर से पर्दा उठता है जो रात के अंधेरों में अंकिता जैसी बेटियों को अपनी ‘स्पेशल सर्विस’ में लगाते हैं और दिन के उजाले में उजले लिबास में नजर आते हैं।