देहरादून- पिछले 1-2 सालों में उत्तराखंड में सड़क हादसे बढ़े. जानकारी की मानें तो जनवरी से मई के महीने तक यानि इन पांच महीनों में उत्तराखंड में 390 लोगों की जाने गई जो कि जो दर्दनाक तो है ही लेकिन सोचनीय भी है. उत्तराखंड में कोई भी ऐसा दिन नहीं होता जब सड़क हादसे में किसी की मौत की खबर न सामने आये।
पौड़ी बस हादसे में 48 लोगों की जानें गई
बीते दिन यानि 1 जुलाई की सुबह ही उत्तराखंड में पिछले सालों का सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ है. पौड़ी जिले के भौन-धुमाकोट मार्ग पर यात्रियों से खचाखच भरी एक प्राइवेट बस रामनगर के लिए जा रही थी और जो की अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी जिससे 48 लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी थी। एक परिवार के आठ लोगों ने जान गवाई.
समय पर उपचार न मिलने के कारण दुखी सांसद
इन लगातार हो रही सड़क दुर्घनाओं से उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी बहुत दुखी हैं क्यूंकि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में गंभीर रोगियों, बुजुर्गों, घायलों, प्रसूताओं के लिए सही उपचार नहीं हो पता और जब उन्हें वहां से हायर सेंटर भेजना होता है तो उसमें तमाम तरह की तकलीफें झेलने को मिल जाती हैं, और कई बार उचित प्राथमिक उपचार न होने के कारण ही बीमार व्यक्ति या प्रसूता रास्ते में ही अपना दम तोड़ देते हैं। इस बड़ी परेशानी को हल करने के लिए राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने अपनी तरफ से एक शानदार पहल शुरू करने की घोषणा की है जिसकी चारों तरफ तारीफ भी हो रही है।
उत्तराखंड के पर्वतीय भागों में 2 से 3 आइसीयू के लिए धन उपलब्ध करायेंगे
सांसद अनिल बलूनी ने घोषणा की है कि वो अपनी सांसद निधि से हर साल उत्तराखंड के पर्वतीय भागों में 2 से 3 इंटेंसिव केयर यूनिट(आइसीयू) के लिए धन उपलब्ध करायेंगे, जिससे कि दुर्गम इलाकों में आइसीयू होने से बीमार व्यक्तियों को हायर सेंटर भेजने से पहले सघन चिकित्सा जांच का लाभ मिल सकेगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और आम जनता से चर्चा के बाद उन केन्द्रों का चयन किया जाएगा जहाँ आइसीयू की सबसे अधिक आवश्यकता है और अपने संसदीय अवधि के दौरान ही वो इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण पहाड़ी कस्बों में आइसीयू बनकर तैयार हो जाए।