बलूनी ने कहा की प्रदेश सरकार से जो भी सहयोग केंद्र से मांगा जाएगा वह प्रदान किया जाएगा। सोशल मीडिया में चल रहे आपदा के समाचार और अपलोड वीडियो बेहद भयावह और डरावने हैं, ऐसी स्थिति में सबसे पहली प्राथमिकता जन धन और पशुधन की की रक्षा करना आवश्यक है। उत्तराखण्ड में बरसात के समय नालों का उफान नदियों का जलस्तर बढ़ना और बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।कुछ वर्षों से अनेक हृदय विदारक घटनाएं घट रही है।
बलूनी ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव से जानकारी मांगी है कि वर्तमान हालात में केंद्र सरकार की क्या सहायता राज्य को चाहिए वह तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मौसम के आंकलन और नदियों के स्वभाव व जल स्तर के आधार पर अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि नदी और नालों के किनारे रहने वाली आबादी को समय समय पूर्व सूचित किया जा सके और महत्वपूर्ण जन जीवन की रक्षा हो सके।