संवाददाता। हरिद्वार – न सूत न कपास और जुलाहों मे लट्ंठमलठ जी हां कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के सियासी परिवार में। हालांकि चुनाव में अभी कई महीने बाकि हैं। आलाकमान टिकट किसे देगा ये भी अभी डिसाइड नहीं है बावजूद इसके भगवानपुर में सियासी हवेली के रोशनदानों के कांच चटकने की आवाज सड़कों तक आ रही है। इस सीट पर दावेदारी को लेकर देवर-भाभी में ठन गई है। दरअसल सुरेन्द्र राकेश के निधन के बाद उनकी पत्नी ममता राकेश को भगवानपुर की जनता ने अपना विधायक चुना था। लेकिन अब 2017 में परिस्थितियां बदली दिखाई दे रही हैं। स्व. सुरेन्द्र राकेश के भाई अबकी बार टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। लिहाजा देवर और भाभी में टिकट को लेकर जंग शुरु हो गई है। सुरेन्द्र राकेश के भाई सुबोध राकेश इस बात से नाराज़ है कि उनकों तरज़ीह न देकर ममता राकेश को विधायक बना दिया गया, और अब ममता राकेश ये नसीहत दे रही है कि सुबोध छोटे है और उन्हें अपनी मर्यादा में रहकर ही राजनीतिक बयान देना चाहिए। जबकि सुबोध राकेश का कहना है कि अगर टिकट पर बात नहीं बनी तो वे भगवानपुर सीट पर निर्दलीय की हैसियत से ताल ठोक देंगे। बहरहाल परिवार के बीच टिकट को लेकर छिड़ी इस जंग में नया मोड़ क्या आता है ये आने वाला वक्त ही बताएगा।