चमोली- khabaruttarakhand.com ने चमोली वाली ‘नंदा’ की हृदय विदारक दास्तान बताई थी कि किस तरह से हमारा सिस्टम पत्थरदिल हो गया है। काल्पनिक नाम वाली नंदा जो न सिर्फ मानसिक संतुलन खोई हुई है बल्कि गर्भवती भी है और भूख मिटाने के लिए कचरे के ढेर से निवाले तलाश रही है।
बावजूद इसके उसे प्रशासन अस्पताल मुहैय्या नहीं करवा रहा है और मानवीय संवदेनाओं का गला घोटते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहा है।
बहरहाल मीडिया के जबरदस्त अभियान के चलते सीना जोरी पर आमदा जिला प्रशासन को होश आया और आनन फानन में ‘नंदा’ को 108 एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल गोपेश्वर भिजवा दिया गया।
गौरतलब है कि मीडिया में खबर आने के बाद चमोली जिलाधिकारी ने बयान दिया था कि मानसिक संतुलन खो चुकी नंदा चमोली जिले में कहीं नहीं है बल्कि वो श्रीनगर मे है लिहाजा उनके जिले का मामला नहीं है।
लेकिन जब फिर ‘नंदा’ का वीडियो उसी जगह से मीडिया को सौंपा गया तो जिला प्रशासन को सच का सामना करना पड़ा। तब जाकर ‘नंदा’ को अस्पताल मुहैय्या हुआ।
हमें उम्मीद है ‘नंदा’ को अच्छा इलाज मिलेगा और प्रशासन की कोमा में जा चुकी आत्मा एक फिर से चैतन्य हो सकेगी।