पौड़ी — उत्तराखंड मे बेहिसाब बारिश आ रही है तो दुर्घटनाओं का पैगाम भी ला रही है। अब की बार बारिश का कहर पौड़ी के पाबौ विकासखंड में बरसा जहां एक ही परिवार के सात लोग जिंदा दफन हो गए। पाबौ ब्लॉक के पौड़ी-श्रीनगर मार्ग पर बसे मरखोला गांव में बादल फटा और बेहिसाब पानी बरसने एक मकान बह गया। बदल फटने से इतना मलबा आया है कि श्रीनगर- पौड़ी मार्ग बंद हो गया। ये दुर्घटना देर शाम करीब पौने सात बजे के करीब की बताई जा रही है।खबर के मुताबिक पाबौ विकसखंड के मरखोला गांव में बादल फटने के चलते हुई अतिवृष्टि से दो सगे भाइयों के परिवार के पांच लोग मलबे मे जिंदा दफन हो गए। दोनों भाइयों का परिवार एक ही मकान में रहता था। अतिवृष्टि से मकान जमींदोज हो गया।
बताया जा रहा है कि मकान में दीपक सिंह जो कि 75 साल के बुजुर्ग हैं उनके दो बेटों का परिवार रहता था। एक हिस्से में बड़े बेटे स्व. मंगल सिंह का परिवार रहता था। जिसमे मंगल सिंह की पत्नी, एक बेटा, एक बेटी रहते थे। जबकि दूसरे हिस्से मे छोटा बेटा चंदन सिंह, उसकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी रहते थे। इस दुर्घटना में चंदन सिंह की पत्नी, मां, बेटी, बड़ा बेटा और स्व. मंगल सिंह की पत्नी, बेटा, बेटी लापता बताए जा रहे हैं। जबकि चंदन सिंह कुछ काम से कहीं गए हुए हैं वे घटना के वक्त घर पर मौजूद नहीं थे।
घटना से कुछ देर पहले बुजुर्ग दीपक सिंह चंदन सिंह के छोटे बेटे को लेकर घर के समीप बह रहे विकराल होते गदेरे के उफान को समझने गए थे। लेकिंन जब लौटे तो बेटों का मकान गायब था। घरेलू सामान पानी मे बह रहा था। घटना की सूचना पाकर प्रशासन की टीम एसडीएम पीएल शाह के अगुवाई में राहत एवं बचाव कार्य के लिये घटनास्थल के लिये रवाना हो गया । पांच शव निकाले जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मरखोला गांव में अतिवृष्टि के कारण मकान ढहने से हुई जनहानि पर दुख व्यक्त किया है। जबकि जिलाधिकारी पौड़ी को राहत व बचाव कार्य तेजी से चलाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि किसी मुआवजे आदि का ऐलान शासन स्तर से नहीं हुआ है। हालांकि इस तरह की लगातार बढ़ती घटनाओं से सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर अब भूस्खलन और जन-धन की हानि ज्यादा क्यों होने लगी है ? क्याेंकि पहाड़ी इलाकों में तो बादल फटने की घटना कोई नई नही है।