उत्तराखंड पुलिस विभाग में कई ऐसे कर्मचारी अधिकारी हैं जिन्होंने राज्य के लिए पूरी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा से काम किया। वहीं कुछ ऐसे भी वर्दी धारी रहे जिन्होंने पुलिस विभाग का नाम, अपने थाने का नाम बदनाम भी किय़ा। ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठावान और जांबाजों अधिकारियों में से एक हैं थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट जो 9 बार पुलिसमैन ऑफ द मंथ और प्रदेश स्तरीय पुलिस वाद-विवाद प्रतियोगिता में लगातार पांच बार चैंपियन रहे. जी हां उनको अब दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह सम्मानित करेंगे। बता दें कि उनका चयन केंद्रीय गृहमंत्री पदक के लिए हुआ है। कमलेश भट्ट एक मात्र पुलिस अधिकारी हैं जिनका चयन केंद्रीय गृहमंत्री पदक के लिए हुआ है। जानकारी मिली है कि थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट को 21 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली में सम्मानित करेंगे।
कांस्टेबल से बने सब इंस्पेक्टर
बता दें कि कमलेश भट्ट कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने हैं। कमलेश भट्ट नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाते रहे हैं और कई तस्करों को उन्होंने सलाखों के पीछे भेजा। बता दें कि थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट 2002 में पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे। जो 2007-8 को हेड कांस्टेबल और 2007-10 को सब इंस्पेक्टर बने थे। पहली पोस्टिंग रामनगर में हुई थी। 2013 में पीरूमदारा चौकी इंचार्ज रहते हुए उन्होंने दो लाख की नकदी तथा 900 ग्राम स्मैक के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया था। वहीं 2016 में बाजपुर कोतवाली में एसएसआई की तैनाती के दौरान उन्होंने पुष्पा हत्याकांड का खुलासा किया था। इस केस को खोलने पर उनका नाम पुरस्कार के लिए भेजा गया था। 14 जुलाई 2019 को उन्होंने थानाध्यक्ष नानकमत्ता का पदभार संभाला था। 10 दिन बाद ही उन्होंने बाजपुर के हिस्ट्रीशीटर बदमाश गुरबाज सिंह उर्फ माडू को देवकली ठेरा में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया थां।