नैनबाग : पर्वतीय इलाके में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा 108 ने फिर से दगा दे दिया। टिहरी जिले के नैनबाग इलाके में गाड़ी पंक्चर होना बताकर एक गर्भवती को अस्पताल तक लाने से इन्कार कर दिया गया। गर्भवती पांच घंटे तक तड़पती रही।
बाद में विकासनगर से 108 सेवा की दूसरी गाड़ी मंगवाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। उधर, सीएमओ ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ दिया। छह रोज पहले भी टिहरी जिले में ही इसी तरह की दिक्कत के चलते एक गर्भवती को दूध के वाहन से अस्पताल ले जाना पड़ा था। इस महिला का इसी वाहन में प्रसव हो गया था।
दरअसल, नैनबाग के ग्राम भूटगांव निवासी 23 वर्षीय बिंद्रा देवी को जब प्रसव पीड़ा हुई तो उसके पति संदीप राणा ने सुबह 9.30 बजे नैनबाग स्थित 108 सेवाकर्मियों को फोन किया। नैनबाग जो कि गांव से मात्र 15 किमी दूर है। इसके बावजूद 108 वाहन करीब 45 मिनट विलंब से मौके पर पहुंची और किसी तरह गर्भवती महिला को नैनबाग स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। नैनबाग में डॉक्टरों ने गर्भवती को देहरादून के लिए रेफर किया। यहां से 108 कर्मियों ने वाहन का टायर पंक्चर होने की बात कहकर देहरादून जाने से इन्कार कर दिया।
इसके बाद महिला के पति संदीप राणा ने विकासनगर 108 सेवा को फोन किया। इस दौरान करीब पांच घंटे तक महिला दर्द से तड़पती रही। इसके बाद विकासनगर से आई 108 सेवा में महिला को देहरादून रेफर किया गया। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. तजेंद्र ने बताया कि उनका काम अस्पताल पहुंचे मरीजों का उपचार करना है यदि केस सीरियस है तो उसे देहरादून के लिए रेफर करना पड़ा। 108 सेवा की उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।
वहीं सीएमओ वाईएस थपलियाल ने बताया कि 108 सेवा आउटसोर्सिंग है, जिसे बजट न मिलने से दिक्कतें आ रही हैं। बजट मिलने के बाद सेवा का दुरुस्त किया जाएगा।