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रामनगर: रामनगर का सरकारी अस्पताल बदहाल हो गया है। ये वही अस्पताल है, जहां स्वास्थ्य मंत्री को मरीज ने जवाब दिया था कि अगर इलाज ठीक से होने की बात नहीं कही, तो डॉक्र उनका इलाज सही से नहीं करेंगे। यह अस्पताल कोई पहली बार चर्चा में नहीं है। इस अस्पताल की चर्चाएं आम हैं। यहां लोगों को इलाज कम और उनको परेशान ज्यादा किया जाता है।
पीपीपी मोड पर संचालित रामनगर का संयुक्त चिकित्सालय सुर्खियों में बना रहता है। बीते दिनों गर्भवती महिला के शिशु की मौत के बाद अब प्रसूता के साथ लापरवाही का मामला सामने आया है। चिकित्सालय से जिस प्रसूता को हायर सेंटर रेफर किया गया। उसकी घर पर ही नार्मल डिलीवरी हो गई। मोहल्ला खताड़ी निवासी जफर इकबाल की पत्नी गुलबहार को शुक्रवार रात में प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद उसे संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया गया। आरोप है कि चेकअप के बाद स्वजनों को बताया गया कि प्रसूता की हालत खराब है। लिहाजा हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी गई। रेफर करने के सवाल पर महिला चिकित्सक ने पेट में बच्चे को खतरा होने की बात कही थी।
गर्भवती महिला का पति उसे हायर सेंटर ले जाने के बजाय घर वापस ले आया। कुछ ही समय बाद महिला की घर पर ही नार्मल डिलीवरी हो गई। मामले में इकबाल ने सीएमएस चंद्रा पंत से शिकायत की है। सीएमएस ने बताया कि जानकारी ली जा रही है। इससे पहले 27 जून को गर्भवती महिला को रेफर करने के बाद उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी। उसके बाद गढ़वाल की एक महिला का मृत बच्चा पैदा हुआ। चार दिन पूर्व भी रेफर एक महिला का निजी हास्पिटल पहुंचने पर मृत बच्चा पैदा हुआ था।