उत्तराखंड में वन विभाग की भूमि पर बनी अवैध मजारों को गिराने का काम जारी है। वन विभाग ने इस संबंध में पूरी तैयारी कर ली है और पूरे प्रदेश से रिपोर्ट ली जा रही है।
दरअसल कुछ समय पहले हाईकोर्ट ने वन भूमि पर बनी अवैध मजारों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में वन विभाग ने कार्रवाई शुरु कर दी है। वन विभाग ने ऐसे में अतिक्रमणों की पूरी फाइल तैयार कर ली है। इस फाइल में अवैध मजारों को चिह्नित कर कार्रवाई शुरु कर दी गई है। यही नहीं वन भूमि पर बने अवैध मकानों को भी ध्वस्त किया जाएगा।
वहीं इस कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारी परेशान हैं। कई मजारें तो ऐसी हैं जिनके आसपास लोगों ने घर बना लिए हैं और उनमें रह भी रहें हैं। वन विभाग के अधिकारी इस बार ऐसे मकानों को भी गिराने की तैयारी कर रहें हैं। बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से भी इस बार खुली छूट दी गई है। वन संरक्षण अधिनियम 1980 के बाद जितने भी ऐसे धार्मिक अतिक्रमण हुए हैं, सभी को हटाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि वन विभाग के देहरादून रेंज में सबसे अधिक अतिक्रमण की शिकायतें हैं। विभाग ने 15 से अधिक अवैध रूप से बनी मजारों को ध्वस्त भी कर दिया है।
इस संबंध में अमर उजाला में एक समाचार प्रकाशित हुआ है। इस समाचार में वन मंत्री सुबोध उनियाल के हवाले से कहा गया है कि न सिर्फ मजारों को बल्कि सभी अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों को तोड़ा जाएगा। इस कार्रवाई को धार्मिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए।