हल्द्वानी : वन विभाग ने आगामी फायर सीजन को देखते हुए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर तेजी से काबू करने के लिए फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से उत्तराखंड वन विभाग ने मैसेज अलर्ट सेवा की शुरुआत की है, जो की सेटेलाइट से संचालित होगी।
उत्तराखंड में 71 फ़ीसदी जंगल और 37 हजार 999 वर्ग किलोमीटर में रिजर्व फॉरेस्ट है, ऐसे में मार्च महीने की शुरुआत से ही जंगलों में आग लगने की घटना शुरू हो जाती है, लिहाजा वन महकमे ने इस बार पहले से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी है, वन विभाग द्वारा अपने सभी फायर क्रु स्टेशनों को अलर्ट मोड पर रख दिया गया है.
वन संरक्षक ने बताया कि उत्तराखंड के जंगलों में वनाग्नि की घटनाओं पर रोकथाम के लिए फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया और उत्तराखंड वन विभाग की तरफ से पूरी तैयारियां कर ली गई है। फायर अलर्ट के साथ साथ अब सामान्य नागरिक भी अपने आसपास के जंगलों में आग लगने की जानकारी मिलने पर मदद कर सकते हैं।
दरअसल हर साल सैकड़ों हेक्टेयर वन संपदा वनआग्नि में जलकर राख हो जाती है यही नहीं पहाड़ो में भी कई महत्वपूर्ण जड़ी बूटियां व वन्यजीव इस आग की चपेट में आते हैं। लिहाजा इस बार वन महकमे ने फायर अलर्ट सिस्टम की तैयारी और पुख्ता कर ली है।