देहरादून : उत्तराखंड में हर परिवार में एक न एक सदस्य सेना में है या सेना से रिटायर्ड हैं. कई जवानों ने देश के लिए कुर्बानी भी दी है लेकिन अब बेटों के साथ देवभूमि की बेटियां भी देश सेवा के लिए आगे आने लगी है. जी हां अभी हाल ही में देवभूमि की बेटी अक्षिता सेना मे कैप्टन बनीं हैं जो कि आर्मी में रहकर बतौर डॉक्टर इलाज करेंगी.
सेना के लिए छोड़ी एम्स में डॉक्टर की नौकरी
बता दें कि डॉ. अक्षिता नेगी पौड़ी गढ़वाल जिले के एकेश्वर, चौंदकोट स्थित बल्यूनी गांव की हैं जो कि चंड़ीगढ़ में पढ़ी हैं। अक्षिता शहर की पार्षद गुरबक्स रावत की भतीजी है और उसकी पढ़ाई चंडीगढ़ में हुई है। अक्षिता का सपना था कि वो सेना में जाकर देश और देश के वीर जवानों की सेवा करे जो कि सच हो गया है. इसके लिए अक्षिता ने एम्स में अच्छी खासी सैलरी(डॉक्टर) की नौकरी छोड़ी और सेना में जाने की तैयारी की.
पीयू डेंटल कॉलेज से की बीडीएस की डिग्री
अक्षिता ने सेक्टर 47 स्थित केंद्रीय विद्यालय स्कूल से पढ़ाई की है। उसके बाद उन्होंने पीयू के डेंटल कॉलेज से बीडीएस की डिग्री हासिल कर नीट की परीक्षा पास की औऱ फिर एम्स में बतौर डॉक्टर नौकरी की। अक्षिता के परिवार से पहले कोई भी सेना में नहीं था, केवल उनका भाई है जो मर्चेंट नेवी में है। अक्षिता ने बताया कि उन्हें यह उपलब्धि हासिल करके बहुत खुशी हो रही है। डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने के साथ मैं अपने देश के जवानों की भी सेवा करूंगी। वहीं बेटी के सेना में अफसर बनने पर माता-पिता को गर्व है.