देहरादून: IPS अशोक कुमार के डीजीपी बनने के बाद उन्होंने अपनी नई टीम बनाई। उनकी टीम में अजय सिंह को एसटीएफ का नया कप्तान बनाया गया। उनको नशे के काले कारोबार को पूरी तरह खत्म करने का टास्क दिया गया। अजय सिंह ने भी जिम्मेदारी संभालते ही देहरादून की बिंदाल मलिन बस्ती में चल रहे नशाखेरी के धंधे की कमद एक ही रात में तोड़ दी। उनको सूचना मिली थी कि बिंदाल मलिन बस्ती में गांजा पुलिया बनाकर बेचा जा रहा है।
अजय सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स के प्रभारी उप निरीक्षक विकास रावत और कांस्टेबल प्रदीप जुयाल को तस्करी के धंधे में लिप्त अभियुक्तों का पता लगाने के निर्देश दिए। टीम को शिवचंद्र साहनी के बारे में गोपनीय सूचना मिली कि वह बिंदाल मलिन बस्ती क्षेत्र में गांजे का मुख्य तस्कर है।
सूचना के आधार पर संयुक्त टीम (स्पेशल टास्क फोर्स और एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स) ने नशा तस्करों के बिहार-नेपाल बॉर्डर से नशे की अवैध डिलीवरी लाने की निगरानी की जा रही थी। शिवचंद्र साहनी और कपल देव को 39 किलो गांजे की तस्करी बिहार से उत्तराखंड लाते वक्त रिस्पना पुल के पास गिरफ्तार किया गया। दोनों की बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं।